गंगा सप्तमी 2025 – एक दिव्य अवसर गंगा सप्तमी वह पवित्र दिन है जब मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। यह दिन मोक्ष, शांति और पापों के नाश का प्रतीक है।

Floral Separator

गंगा सप्तमी 2025 की तिथि और मुहूर्त तिथि: 3 मई 2025 सप्तमी आरंभ: सुबह 7:51 बजे (3 मई) समाप्ति: सुबह 7:18 बजे (4 मई) पर्व मनाने का दिन: 3 मई (उदया तिथि अनुसार) 

Floral Separator

क्यों मनाई जाती है गंगा सप्तमी? इस दिन मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से निकलकर धरती पर आई थीं। यह दिन धरती के पवित्रीकरण और मोक्ष प्रदायिनी शक्ति का उत्सव है।

Floral Separator

Fill in some text

क्या है इस दिन का आध्यात्मिक महत्व? गंगा सप्तमी पर स्नान, ध्यान और दान करने से सारे पाप मिटते हैं और आत्मा को शुद्धि मिलती है।

Floral Separator

गंगा सप्तमी की पूजन विधि गंगाजल से स्नान करें पुष्प, अक्षत, धूप-दीप से पूजन “ॐ गंगायै नमः” मंत्र का जाप करें जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें 

Floral Separator

गंगा सप्तमी पर मंत्र जाप मंत्र: "ॐ ह्रीं गंगायै नमः" इस मंत्र का जप मन को शांति देता है और मां गंगा की कृपा प्राप्त होती है।

Floral Separator

क्या करें इस दिन? गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें ध्यान, पूजन और व्रत रखें सच्चे मन से मां गंगा का स्मरण करें

Floral Separator

किन बातों से बचें? नदी में गंदगी न फैलाएं पूजा में तामसिक चीजों का प्रयोग न करें किसी का अपमान न करें, विशेषकर जरूरतमंदों का 

Floral Separator

यह दिन केवल त्योहार नहीं, आत्मा की शुद्धि और मोक्ष का द्वार है। मां गंगा की कृपा से जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।

Floral Separator

वैशाख अमावस्या 2025: दीपक जलाएं, पितृ कृपा पाएं