प्रेमानंद जी महाराज कौन हैं?
वृंदावन के प्रसिद्ध संत, प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, अपने पीले वस्त्रों और राधा-कृष्ण भक्ति के लिए जाने जाते हैं।
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हमेशा पीले वस्त्र क्यों पहनते हैं?
यह वस्त्र केवल परिधान नहीं, बल्कि उनकी भक्ति, साधना और ईश्वर से जुड़ाव की पहचान है।
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राधावल्लभ संप्रदाय से जुड़ाव
प्रेमानंद जी महाराज राधावल्लभ परंपरा से दीक्षित हैं, जिसमें राधा-कृष्ण की भक्ति का विशेष स्थान है।
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पीला रंग: भक्ति का प्रतीक
राधा रानी की कांति पीतवर्ण मानी जाती है और श्रीकृष्ण को पीतांबर कहा जाता है। यही वजह है पीले वस्त्रों की।
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किशोरावस्था से सन्यास
प्रेमानंद जी ने कम उम्र में ही ब्रह्मचर्य का व्रत लेकर आध्यात्मिक जीवन अपना लिया था।
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गुरु द्वारा प्राप्त दिव्य दीक्षा
पूज्य हित गौरांगी शरण जी महाराज से उन्हें सहचारी भाव और नित्य विहार रस की साधना की दीक्षा मिली।
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पीला तिलक भी है विशेष
सिर्फ वस्त्र ही नहीं, उनके मस्तक पर लगाया गया पीला चंदन भी राधा-कृष्ण के प्रति समर्पण दर्शाता है।
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अनुयायियों की पहचान
उनके अनुयायी भी पीले या सफेद वस्त्र पहनते हैं, जो भक्ति और संप्रदाय की शुद्धता को दर्शाते हैं।
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जीवन का हर पल भक्ति में समर्पित
प्रेमानंद जी महाराज का सम्पूर्ण जीवन राधा-कृष्ण भक्ति में लीन है, और उनका हर कर्म उसी प्रेम का प्रतीक है।
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प्रेमानंद जी महाराज के 9 विचार जो बदल सकते हैं आपका जीवन
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