कामधेनु – हिंदू धर्म की चमत्कारी गाय कामधेनु को गौमाता और देवी का स्वरूप माना गया है। इसे ऐसी दिव्य गाय कहा जाता है जो हर इच्छा को पूर्ण करने की शक्ति रखती थी।

Floral Separator

कामधेनु का रूप कैसा था? कुछ मान्यताओं के अनुसार कामधेनु का चेहरा महिला जैसा और बाकी शरीर गाय का था। उसका रंग पूर्णतः श्वेत था और वह दिव्य तेज से युक्त थी।

Floral Separator

समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी कामधेनु जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तब 14 रत्नों में से एक थी कामधेनु। यह देवताओं को अत्यंत प्रिय थी।

Floral Separator

Fill in some text

इच्छाओं को पूर्ण करने वाली गाय कामधेनु ऐसी दिव्य शक्ति थी जो किसी की भी मनोकामना को तुरंत पूर्ण कर सकती थी। इसलिए इसे "इच्छा पूर्ति गाय" भी कहा जाता है।

Floral Separator
Floral Separator

ऋषि वशिष्ठ के पास थी कामधेनु पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि कामधेनु गाय ऋषि वशिष्ठ के पास थी, जो उसके माध्यम से अपने अतिथियों का आदर-सत्कार करते थे।

Floral Separator

राजा विश्वामित्र हुए कामधेनु से प्रभावित राजा विश्वामित्र ने जब कामधेनु की शक्तियां देखीं तो वे मंत्रमुग्ध हो गए और उसे अपने पास लाने की ठान ली।

Floral Separator

ऋषि और राजा के बीच हुआ युद्ध राजा विश्वामित्र ने कामधेनु को प्राप्त करने के लिए ऋषि वशिष्ठ पर हमला कर दिया, लेकिन ऋषि ने गाय देने से साफ मना कर दिया।

Floral Separator

कामधेनु लौट गई स्वर्ग लोक युद्ध और कलह से दुखी होकर कामधेनु वापस स्वर्ग चली गई और उसने धरती को सदा के लिए छोड़ दिया।

Floral Separator

कामधेनु का धार्मिक महत्व आज भी है आज भी कामधेनु को दिव्यता, समृद्धि और आस्था का प्रतीक माना जाता है। गौसेवा को पुण्य और मोक्ष का मार्ग कहा जाता है।

Floral Separator

Mohini Ekadashi 2025:मोहिनी एकादशी 2025 का व्रत ऐसे करें पारण, जानिए शुभ मुहूर्त, नियम और फायदे