अपरा एकादशी 2025 कब है?इस साल अपरा एकादशी 23 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह तिथि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी को आती है और इसे अपार पुण्य देने वाली तिथि कहा गया है।
इस दिन क्यों किया जाता है व्रत?अपरा एकादशी पर व्रत रखने से मनुष्य को जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का मार्ग खुलता है। यह दिन आत्मशुद्धि और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ है।
भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा क्यों होती है?अपरा एकादशी को श्रीहरि विष्णु के वामन अवतार की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन उन्हें पंचामृत, तुलसी पत्र और पीले पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
Fill in some text
व्रत और पूजन विधि क्या है?सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें। दिनभर फलाहार करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
व्रत खोलने का सही समय क्या है?व्रत का पारण 24 मई को सुबह 05:26 से 08:11 बजे के बीच करना शुभ रहेगा। पहले ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को भोजन कराएं, फिर व्रती भोजन करें।
क्या मिलता है इस व्रत से पुण्य?कहा गया है कि इस व्रत का पुण्य मकर संक्रांति स्नान, गया में पिंडदान और बदरीनाथ दर्शन जितना माना गया है। यह पुण्य हजार गायों के दान के बराबर फल देता है।
किसे जरूर करना चाहिए अपरा एकादशी व्रत?जो लोग जीवन में शांति, सुख, मोक्ष और पापमुक्ति चाहते हैं, उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए। यह व्रत विशेष रूप से कलियुग के लिए फलदायी माना गया है।
मंत्र जाप से कैसे मिलती है कृपा?विष्णु गायत्री, वासुदेव मंत्र और मंगल पाठ के जप से न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
23 मई 2025 की अपरा एकादशी एक दिव्य अवसर है। इस दिन नियमपूर्वक उपवास और पूजा कर व्यक्ति पापों से मुक्त होकर भगवान विष्णु की शरण में जा सकता है।
क्या सच में भगवान हैं? प्रेमानंद जी महाराज ने दिया चौंकाने वाला जवाब!