नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो हिमालयराज की पुत्री हैं और शक्ति का पहला रूप हैं।

माँ शैलपुत्री की पूजा में सफेद वस्त्र और सफेद फूल चढ़ाने से देवी अत्यंत प्रसन्न होती हैं।

तिपदा तिथि पर माँ शैलपुत्री को शुद्ध घी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

घी का भोग अर्पित करने से साधक के स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।

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माँ शैलपुत्री की पूजा से चंद्र दोष का निवारण होता है, जिससे मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।

प्रतिपदा तिथि पर देवी को भोग अर्पित करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

शैलपुत्री पर्वतों और धरती की देवी हैं, उनकी पूजा से प्रकृति का आशीर्वाद मिलता है।

माँ शैलपुत्री को प्रसन्न करके भक्त अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

माँ शैलपुत्री को घी का भोग लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

माँ शैलपुत्री की पूजा करने से साधक को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है और उसके मन में शांति का वास होता है।