आपने ये तो सुना होगा भूत-पिशाच निकट न आवे, महावीर जब नाम सुनावे  इसका मतलब ये है की  हनुमान जी का नाम लेने से भी भूत-पिशाच काप उठते हैं

लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा क्या हुआ था कि भूत-प्रेत उनके नाम से इतना डरते है, आइए जानते हैं

रावण का छोटा भाई जिसे अहि-रावण के नाम जाना जाता था, वो काला-जादु जानता था

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रामायण के दौरन जब श्री राम और रावण का युद्ध हो रहा था तो उस दौरन काला जादू कर के ही रावण श्री राम जी को और लक्ष्मण जी को पाताल लोक ले गया था

हनुमान जी पाताल लोक पहुँच जाते हैं, और वहा जा कर अहि रावण से युद्ध करते हैं

युद्ध में अहि-रावण हनुमान जी से बार-बार हार रहा था लेकिन मर नहीं रहा था

तब हनुमान जी को समझ आया कि ये सब काला-जादू है,उनके पांचों तरफ एक-एक दीया जल रहा था जिसे उन्हें एक ही समय में बुझाना था

तब अहि-रावण को हराने के लिए हनुमान जी ने रौद्र रूप लिया जिसे हम पंचमुखी हनुमान जी के नाम से जानते हैं

जब हनुमान जी ने यह  रूप लिया तब तीनो लोक कांप उठे, यह रूप लेने के बाद हनुमान जी ने पांचो दियो को बुझाया और अहि-रावण का वध किया

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