Vivah Panchami 2025| विवाह पंचमी 2025 नवंबर में कब| जाने शुभ तिथि और शुभ संयोग

Vivah Panchami 2025 Date: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का दिन अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यह पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। इस वर्ष 2025 में विवाह पंचमी का पर्व 25 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह तिथि अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के रूप में आती है, जब संपूर्ण भारत विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के जनकपुर में इस दिन बड़े हर्षोल्लास के साथ उत्सव मनाया जाता है।

विवाह पंचमी
Vivah Panchami 2025 Date

विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व

विवाह पंचमी का पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता जानकी (सीता) के दिव्य मिलन का स्मरण कराता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि पर मिथिला नगरी में राजा जनक की उपस्थिति में भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इस दिन को धार्मिक और सांस्कृतिक प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
मान्यता है कि विवाह पंचमी पर भगवान राम और सीता के विवाह की कथा का श्रवण करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और अविवाहित युवाओं को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

विवाह पंचमी 2025 का शुभ योग और तिथि

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष विवाह पंचमी 25 नवंबर 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और रवियोग के शुभ संयोग में आ रहा है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
इसी दिन अगहन शुक्ल पंचमी के अवसर पर भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह का भव्य उत्सव मनाया जाएगा। यह शुभ संयोग विवाह या मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत मंगलकारी माना गया है।

बिहार और जनकपुर में भव्य आयोजन

विवाह पंचमी का पर्व विशेष रूप से बिहार और नेपाल के जनकपुर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। बिहार के सीतामढ़ी, जनकपुर, बक्सर और दरभंगा जैसे स्थानों पर इस दिन विशाल मेले लगते हैं, जहां श्रद्धालु भगवान राम-सीता के विवाह की झांकियों और रामलीला का आनंद लेते हैं।
सीतामढ़ी के धनुषा स्थल पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं, जहां माता जानकी के प्राकट्य स्थल पर राम-सीता विवाहोत्सव का अद्भुत मेला लगता है। पूरा नगर दीपों से सजाया जाता है और वातावरण “जय सियाराम” के जयकारों से गूंज उठता है।

मंदिरों में विशेष पूजा और भव्य सजावट

विवाह पंचमी के अवसर पर देशभर के मंदिरों में भगवान श्रीराम और माता सीता का राजसी श्रृंगार किया जाता है।
महावीर मंदिर, नागाबाबा ठाकुरबाड़ी, गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी सहित अनेक मंदिरों में इस दिन विशेष पूजन, आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
मंदिरों को पुष्पों और दीपों से सजाया जाता है तथा भगवान के विवाह की झांकी सजाकर भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था की जाती है।

पति-पत्नी के लिए विशेष पूजन का महत्व

इस दिन विवाहित जोड़े एक साथ भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुख, प्रेम और स्थायित्व बना रहता है।
जोड़े इस दिन रामचरितमानस का पाठ और आरती करते हैं तथा भगवान से अपने जीवन में सौहार्द और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
विवाह पंचमी पर रामचरितमानस नवाह्न पारायण कथा सुनने की भी परंपरा रही है, जो इस पर्व को और अधिक पवित्र बनाती है।

ग्रह-गोचर और शुभ संयोग

वर्ष 2025 में विवाह पंचमी के दिन हर्षण योग का भी संयोग रहेगा, जो इस पर्व को अत्यंत शुभ बनाता है। इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल रहेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन पूजा और विवाह जैसे पवित्र कार्य करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि और दीर्घायु प्राप्त होती है।
सुहागिन महिलाएं इस दिन माता सीता और भगवान राम की पूजा करती हैं ताकि उनके दांपत्य जीवन में प्रेम और एकता बनी रहे।

धार्मिक मान्यता और कथा

धार्मिक परंपरा के अनुसार, भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की लग्न पत्रिका स्वयं ब्रह्माजी ने लिखी थी। मिथिला नगरी में आयोजित इस दिव्य विवाह में देवताओं और ऋषियों ने भाग लिया था।
यह दिन इस दिव्य घटना की स्मृति में हर वर्ष भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है। श्रद्धालु घरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा भी करते हैं और अपने परिवार के कल्याण की कामना करते हैं।

विवाह पंचमी 2025 केवल भगवान राम और सीता के मिलन का पर्व नहीं, बल्कि यह आस्था, प्रेम और मर्यादा का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि वैवाहिक जीवन में निष्ठा, समर्पण और मर्यादा कितनी आवश्यक हैं।
इस दिन की श्रद्धा से की गई पूजा, कथा-श्रवण और दान से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और प्रेम की वृद्धि होती है।
इस प्रकार, 25 नवंबर 2025 को मनाई जाने वाली विवाह पंचमी सभी भक्तों के लिए एक दिव्य और मंगलकारी अवसर बनकर आएगी, जो घर-परिवार में सुख, सौभाग्य और सौहार्द का संचार करेगी।

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