2026 Vivah Muhurat List January: हिंदू पंचांग के अनुसार विवाह केवल एक सामाजिक समझौता नहीं, बल्कि जीवन का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। इसी कारण विवाह से पहले शुभ मुहूर्त का चयन अत्यंत आवश्यक होता है। वर्ष 2026 में विवाह के लिए जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जून, नवंबर और दिसंबर महीनों में ही शुभ तिथियां उपलब्ध हैं। इन महीनों में मुहूर्त सीमित होने के कारण विवाह की योजना पहले से बनाना और कुंडली मिलान कराना आवश्यक माना जाता है।

हिंदू धर्म में विवाह मुहूर्त का महत्व
सनातन परंपरा में यह मान्यता है कि सही समय पर किया गया विवाह दांपत्य जीवन में सुख, शांति और स्थिरता प्रदान करता है। विवाह मुहूर्त का निर्धारण तिथि, नक्षत्र, वार और ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाता है। यदि विवाह अशुभ योग में संपन्न हो जाए, तो वैवाहिक जीवन में बाधाएं आने की आशंका मानी जाती है। इसी कारण ज्योतिष शास्त्र में विवाह मुहूर्त को विशेष स्थान दिया गया है।
शुभ विवाह मुहूर्त कैसे निकाला जाता है
विवाह के लिए शुभ दिन निकालने की प्रक्रिया वैदिक ज्योतिष पर आधारित होती है। सबसे पहले वर और कन्या की कुंडली का मिलान किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली मिलान में कम से कम 18 गुण प्राप्त हो जाते हैं, तो विवाह को अनुकूल माना जाता है। इसके बाद पंचांग की सहायता से शुद्ध तिथि और शुभ दिन का चयन किया जाता है। पंचांग में बताए गए दोषरहित दिनों को ही विवाह योग्य माना जाता है।
ग्रहों की स्थिति और त्रिबल शुद्धि का महत्व
विवाह मुहूर्त निर्धारण में ग्रहों की स्थिति सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। विशेष रूप से सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति की स्थिति का अध्ययन किया जाता है, जिसे त्रिबल शुद्धि कहा जाता है। यह देखा जाता है कि विवाह के दिन ये ग्रह वर और कन्या की राशि से चतुर्थ, अष्टम या द्वादश भाव में न हों। ग्रहों की अनुकूल स्थिति से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और समृद्धि बनी रहती है।
वर्ष 2026 में विवाह मुहूर्त क्यों सीमित हैं
साल 2026 में कई महीनों में गुरु तारा अस्त, शुक्र तारा अस्त और चातुर्मास जैसी स्थितियों के कारण विवाह मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं। इसी वजह से इस वर्ष विवाह के लिए सीमित लेकिन अत्यंत शुभ तिथियां ही प्राप्त हो रही हैं। जो लोग नए साल की शुरुआत में विवाह करना चाहते हैं, उनके लिए जनवरी 2026 के मुहूर्त विशेष महत्व रखते हैं।
विवाह की सही योजना क्यों जरूरी है
चूंकि 2026 में विवाह की तिथियां कम हैं, इसलिए विवाह स्थल, पंडित, होटल और अन्य व्यवस्थाओं के लिए पहले से योजना बनाना लाभकारी रहता है। कुंडली मिलान और शुभ मुहूर्त के अनुसार विवाह करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और वैवाहिक संबंध मजबूत होते हैं।
विवाह मुहूर्त 2026 की संपूर्ण सूची (तालिका)
| तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र |
|---|---|---|---|
| 14 जनवरी 2026 | बुध | माघ कृष्ण एकादशी | अनुराधा |
| 23 जनवरी 2026 | शुक्र | माघ शुक्ल पंचमी | पूर्व भाद्रपद |
| 4 फरवरी 2026 | बुध | फाल्गुन कृष्ण तृतीया | उत्तर फाल्गुनी |
| 5 फरवरी 2026 | गुरु | फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी | उत्तर फाल्गुनी |
| 10 फरवरी 2026 | मंगल | फाल्गुन कृष्ण अष्टमी | अनुराधा |
| 16 फरवरी 2026 | रवि | फाल्गुन कृष्ण अष्टमी | अनुराधा |
| 20 फरवरी 2026 | शुक्र | फाल्गुन शुक्ल तृतीया | रेवती |
| 21 फरवरी 2026 | शनि | फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी | रेवती |
| 24 फरवरी 2026 | मंगल | फाल्गुन शुक्ल अष्टमी | रोहिणी |
| 25 फरवरी 2026 | बुध | फाल्गुन शुक्ल षष्ठी | रोहिणी |
| 26 फरवरी 2026 | गुरु | फाल्गुन शुक्ल दशमी | मृगशिरा |
| 9 मार्च 2026 | सोम | चैत्र कृष्ण षष्ठी | अनुराधा |
| 10 मार्च 2026 | मंगल | चैत्र कृष्ण सप्तमी | अनुराधा |
| 11 मार्च 2026 | बुध | चैत्र कृष्ण अष्टमी | मूल |
| 12 मार्च 2026 | गुरु | चैत्र कृष्ण नवमी | मूल |
| 26 अप्रैल 2026 | रवि | वैशाख शुक्ल तृतीया | रोहिणी |
| 5 मई 2026 | मंगल | ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्थी | ज्येष्ठा |
| 22 जून 2026 | सोम | ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी | उत्तर फाल्गुनी |
| 29 जून 2026 | सोम | ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी | मूल |
| 21 नवंबर 2026 | शनि | कार्तिक शुक्ल द्वादशी | उत्तर फाल्गुनी |
| 24 नवंबर 2026 | मंगल | कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी | रोहिणी |
| 25 नवंबर 2026 | बुध | कार्तिक पूर्णिमा | रोहिणी |
| 26 नवंबर 2026 | गुरु | कार्तिक पूर्णिमा | हस्त |
| 2 दिसंबर 2026 | बुध | मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी | रोहिणी |
| 4 दिसंबर 2026 | गुरु | मार्गशीर्ष कृष्ण पूर्णिमा | मघा |
| 5 दिसंबर 2026 | शुक्र | मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा | हस्त |
| 6 दिसंबर 2026 | शनि | मार्गशीर्ष कृष्ण द्वितीया | चित्रा |
| 11 दिसंबर 2026 | गुरु | मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी / एकादशी | मार्गशीर्ष कृ। एकादशी |
| 12 दिसंबर 2026 | शुक्र | मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी / एकादशी | मार्गशीर्ष कृ। एकादशी |
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