प्रेम, पीड़ा और परमात्मा: देवकी-वसुदेव की अनसुनी गाथा

वसुदेव

मेरे जीवन के पिछले नौ साल सबसे कठिन और फिर भी अविश्वसनीय रूप से सबसे धन्य रहे हैं। यदि कोई मेरी कहानी को मेरे दृष्टिकोण से देखे बिना सुने, तो उन्हें निश्चित रूप से लगेगा कि वे किसी भी पैमाने पर मानव अस्तित्व के सबसे अभिशप्त नौ वर्ष थे। यही कारण है कि इस गाथा … Read more

Exit mobile version