Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 22 Shloka 22 | गीता अध्याय 2 श्लोक 22 अर्थ सहित | वांसासि जीर्णानि यथा विहाय…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 22 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 22 in Hindi): भगवद्गीता भारतीय दर्शन का वह अनमोल ग्रंथ है, जिसमें जीवन के गूढ़तम प्रश्नों के उत्तर बड़ी सरलता से प्रस्तुत किए गए हैं। श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद में यह ग्रंथ मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करता है। इसका हर … Read more