Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 Shloka 42, 43 | गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 अर्थ सहित | यामिमां पुष्पितां…..कामात्मानः स्वर्गपरा…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 in Hindi): श्रीभगवद्गीता भारतीय संस्कृति और दर्शन का ऐसा ग्रंथ है, जो जीवन के गहन अर्थों और आध्यात्मिक ज्ञान को उजागर करता है। इसके प्रत्येक श्लोक में जीवन की किसी न किसी गूढ़ समस्या का समाधान छुपा हुआ है। गीता के … Read more