Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 37, 38 – गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 अर्थ सहित – यद्यप्येते न पश्यति…..कथं न ज्ञेयमस्माभिः…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 37, 38 – गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 अर्थ सहित - यद्यप्येते न पश्यति.....कथं न ज्ञेयमस्माभिः..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 37, 38 in Hindi): महाभारत के युद्धभूमि में खड़े अर्जुन के सामने केवल शत्रु नहीं थे, बल्कि अपने ही परिवार और मित्रों के प्रति कर्तव्य और धर्म का गहन द्वंद्व था। यह द्वंद्व भगवद्गीता के अनेक श्लोकों में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। यहाँ प्रस्तुत … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 36 – गीता अध्याय 1 श्लोक 36 अर्थ सहित – पापमेवाश्रयेदस्मान्हत्वैतानाततायिनः…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 36 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 36 in Hindi): गीता के अध्याय 1 श्लोक 36 (Gita Chapter 1 Verse 36) में अर्जुन ने एक बहुत ही गहन प्रश्न उठाया है। युद्ध के मैदान में खड़े होकर, उन्होंने अपने गुरु, पितामह, और मित्रों के खिलाफ हथियार उठाने से पहले, अपने दिल में उठ रहे संदेह … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 32, 33, 34, 35 – गीता अध्याय 1 श्लोक 32, 33, 34, 35 अर्थ सहित

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 32, 33, 34, 35 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 32, 33, 34, 35 in Hindi): महाभारत का युद्ध भारतीय इतिहास की सबसे महान घटनाओं में से एक है। इस युद्ध में नैतिकता, धर्म और कर्तव्य की गहरी समझ को प्रस्तुत किया गया है। अर्जुन और भगवान कृष्ण के बीच हुआ संवाद भगवद गीता … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 31 – गीता अध्याय 1 श्लोक 31 अर्थ सहित – न च श्रेयोSनुपश्यामि…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 31 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 31 in Hindi): महाभारत का युद्ध न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह मानव मनोविज्ञान और नैतिकता का गहन अध्ययन भी है। अर्जुन की मानसिक अवस्था और उनके संघर्ष को समझना, हमें अपनी दुविधाओं और नैतिक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता के … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 30 – गीता अध्याय 1 श्लोक 30 अर्थ सहित – न च शक्रोम्यवस्थातुं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 30 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 30 in Hindi): युद्धभूमि में खड़ा अर्जुन, मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में संघर्षरत था। गीता के अध्याय 1 श्लोक 30(Gita Chapter 1 Verse 30) “न च शक्रोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः” के माध्यम से उसकी आंतरिक उलझनों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। आइए, इस … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 29 – गीता अध्याय 1 श्लोक 29 अर्थ सहित – वेपथुश्च शरीरे मे…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 29 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 29 in Hindi): महाभारत के युद्ध के मैदान में, जब महान योद्धा अर्जुन अपने शत्रुओं के समक्ष खड़े हुए, उनकी शारीरिक और मानसिक अवस्था विचलित हो उठी। इसके एक उदाहरण के रूप में हमें गीता के अध्याय 1 श्लोक 29(Gita Chapter 1 Verse 29) में देखने को मिलता … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 28 – गीता अध्याय 1 श्लोक 28 अर्थ सहित – दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्ण…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 28 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 28 in Hindi): महाभारत के युद्धक्षेत्र में अर्जुन की मनोदशा को समझना हमें मानवीय संवेदनाओं और करुणा की गहराई में ले जाता है। उनके शब्दों में छिपी व्यथा और हृदय की कोमलता का विश्लेषण एक ऐसा दृष्टिकोण प्रदान करता है जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 27 – गीता अध्याय 1 श्लोक 27 अर्थ सहित – तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 27 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 27 in Hindi): महाभारत के युद्धभूमि में अर्जुन की करुणा से भरी दुविधा का वर्णन। कुन्तीपुत्र अर्जुन ने युद्ध के दौरान अपने बंधुओं को देखकर कैसे उनकी वीरता कम हो गई, जानें इस लेख में। श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 27 तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान्। कृपया परयाविष्टो … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 26 – गीता अध्याय 1 श्लोक 26 अर्थ सहित – तत्रापश्यत्स्थितान् पार्थ:…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 26 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 26 in Hindi): महाभारत का युद्ध, जो कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था, न केवल एक ऐतिहासिक घटना थी बल्कि जीवन के कई गहरे और महत्वपूर्ण पाठों से भरा हुआ है। गीता के श्लोक 1.26 में, श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित एक अद्भुत दृश्य सामने आता है, जब अर्जुन ने … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 25 – गीता अध्याय 1 श्लोक 25 अर्थ सहित – भीष्मद्रोणप्रमुखतः सर्वेषां…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 25 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 25 in Hindi): महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा, “कुरुओं को देखो।” जानें इस गीता अध्याय 1 श्लोक 25(Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 25) का गूढ़ अर्थ, श्रीकृष्ण की मनोवैज्ञानिक समझ, और धर्म युद्ध के महत्व को इस लेख में। श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 … Read more

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