Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 37, 38 – गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 अर्थ सहित – यद्यप्येते न पश्यति…..कथं न ज्ञेयमस्माभिः…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 37, 38 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 37, 38 in Hindi): महाभारत के युद्धभूमि में खड़े अर्जुन के सामने केवल शत्रु नहीं थे, बल्कि अपने ही परिवार और मित्रों के प्रति कर्तव्य और धर्म का गहन द्वंद्व था। यह द्वंद्व भगवद्गीता के अनेक श्लोकों में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। यहाँ प्रस्तुत … Read more