Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 31 Shloka 31 | गीता अध्याय 2 श्लोक 31 अर्थ सहित | स्वधर्ममपि चावेक्ष्य न…..
श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 31 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 31 in Hindi): भगवद गीता का दूसरा अध्याय, ‘सांख्य योग’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें श्रीकृष्ण अर्जुन को उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षण में मार्गदर्शन देते हैं। गीता के श्लोक 2.31(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 31) में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को … Read more