Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 31 Shloka 31 | गीता अध्याय 2 श्लोक 31 अर्थ सहित | स्वधर्ममपि चावेक्ष्य न…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 31 – गीता अध्याय 2 श्लोक 31 अर्थ सहित - स्वधर्ममपि चावेक्ष्य न..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 31 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 31 in Hindi): भगवद गीता का दूसरा अध्याय, ‘सांख्य योग’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें श्रीकृष्ण अर्जुन को उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षण में मार्गदर्शन देते हैं। गीता के श्लोक 2.31(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 31) में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 30 Shloka 30 | गीता अध्याय 2 श्लोक 30 अर्थ सहित | देही नित्यमवध्योSयं देहे…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 30 – गीता अध्याय 2 श्लोक 30 अर्थ सहित - देही नित्यमवध्योSयं देहे.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 30 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 30 in Hindi): भगवद गीता का अध्याय 2, श्लोक 30 (Bhagwat Geeta Chapter 2 Shlok 30), में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को समझा रहे हैं कि शरीर में रहने वाला आत्मा अमर है। इसे न तो कोई मार सकता है और न ही इसे कोई … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 29 Shloka 29 | गीता अध्याय 2 श्लोक 29 अर्थ सहित | आश्र्चर्यवत्पश्यति कश्र्चिदेन…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 29 – गीता अध्याय 2 श्लोक 29 अर्थ सहित - आश्र्चर्यवत्पश्यति कश्र्चिदेन.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 29 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 29 in Hindi): भगवद्गीता का श्लोक 2.29 (Bhagwat Geeta Chapter 2 Shlok 29) आत्मा के अद्वितीय और रहस्यमयी स्वरूप का वर्णन करता है। यह श्लोक बताता है कि आत्मा को समझना, देखना और उसकी प्रकृति को जानना कितना कठिन और अचंभित करने वाला अनुभव … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 28 Shloka 28 | गीता अध्याय 2 श्लोक 28 अर्थ सहित अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 28 – गीता अध्याय 2 श्लोक 28 अर्थ सहित - अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 28 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 28 in Hindi): इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन और मृत्यु के सत्य से अवगत कराते हैं। वे कहते हैं कि सारे जीव पहले अव्यक्त (अदृश्य) अवस्था में रहते हैं, फिर वे जन्म लेकर व्यक्त (दृश्य) होते हैं, और मृत्यु के बाद … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 27 Shloka 27 | गीता अध्याय 2 श्लोक 27 अर्थ सहित | जातस्य हि ध्रुवो मृत्युध्रुवं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 27 – गीता अध्याय 2 श्लोक 27 अर्थ सहित - जातस्य हि ध्रुवो मृत्युध्रुवं.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 27 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 27 in Hindi): भगवद गीता का अध्याय 2, श्लोक 27(Bhagwat Geeta Chapter 2 Shlok 27), हमें जीवन और मृत्यु के अटल सत्य का बोध कराता है। इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को यह समझाने का प्रयास करते हैं कि जो भी व्यक्ति जन्म … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 26 Shloka 26 | गीता अध्याय 2 श्लोक 26 अर्थ सहित | अथ चैनं नित्यजातं नित्यं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 26 – गीता अध्याय 2 श्लोक 26 अर्थ सहित - अथ चैनं नित्यजातं नित्यं.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 26 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 26 in Hindi): भगवद गीता भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक महान ग्रंथ है, जिसमें जीवन, कर्तव्य, आत्मा और ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों की व्याख्या की गई है। अर्जुन, जो महाभारत के युद्ध में अपने कर्तव्य को लेकर भ्रमित थे, उन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 25 Shloka 25 | गीता अध्याय 2 श्लोक 25 अर्थ सहित | अव्यक्तोSयमचिन्त्योS…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 25 – गीता अध्याय 2 श्लोक 25 अर्थ सहित - अव्यक्तोSयमचिन्त्योS.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 25 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 25 in Hindi): भगवद गीता का श्लोक 2.25(Bhagwat Geeta Chapter 2 Shloka 25) आत्मा के शाश्वत और अद्वितीय स्वरूप का विवरण प्रस्तुत करता है। इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को आत्मा की विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया है। अर्जुन को … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 24 Shloka 24 | गीता अध्याय 2 श्लोक 24 अर्थ सहित | अच्छेद्योSयमदाह्योSयम…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 24 – गीता अध्याय 2 श्लोक 24 अर्थ सहित - अच्छेद्योSयमदाह्योSयम..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 24 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 24 in Hindi): भगवद गीता का श्लोक 2.24(Bhagavad Gita Shloka 2.24) आत्मा की शाश्वत और अविनाशी प्रकृति को उजागर करता है। यह श्लोक हमें बताता है कि आत्मा अद्वितीय है और इसे न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही किसी भी … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 23 Shloka 23 | गीता अध्याय 2 श्लोक 23 अर्थ सहित | नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 23 – गीता अध्याय 2 श्लोक 23 अर्थ सहित - नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 23 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 23 in Hindi): भगवद्गीता के अध्याय 2, श्लोक 23(bhagwat gita chapter 2 shloka 23) में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को आत्मा के अमर और अजर-अमर स्वरूप के बारे में बताया है। इस श्लोक में आत्मा के उस अद्वितीय गुण की व्याख्या की गई है जिसे … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 22 Shloka 22 | गीता अध्याय 2 श्लोक 22 अर्थ सहित | वांसासि जीर्णानि यथा विहाय…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 22 – गीता अध्याय 2 श्लोक 22 अर्थ सहित - वांसासि जीर्णानि यथा विहाय..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 22 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 22 in Hindi): भगवद्गीता भारतीय दर्शन का वह अनमोल ग्रंथ है, जिसमें जीवन के गूढ़तम प्रश्नों के उत्तर बड़ी सरलता से प्रस्तुत किए गए हैं। श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद में यह ग्रंथ मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करता है। इसका हर … Read more