रावण के सिरो की संख्या दस क्यू थी, जाने क्या थे उनके नाम

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रावण को दशानन कहा जाता है क्योंकि उसके दस सिर थे। यह दस सिर उसके व्यक्तित्व की विविधता और उसकी शक्तियों का प्रतीक थे। रावण के दस सिरों का होना न केवल उसकी शारीरिक ताकत को दर्शाता था, बल्कि यह उसके विभिन्न गुणों और इच्छाओं का भी प्रतीक था। लेकिन रावण के सिरों की संख्या … Read more

जाने क्यों भगवान शिव ने शनिदेव को 19 साल तक पीपल के पेड़ से उल्टा लटकाये रखा था

शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, और उनके प्रकोप से लोग बहुत डरते हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब शनिदेव ने ऐसा कृत्य किया, जिसके कारण भगवान शिव ने उन्हें सजा दी। आइए जानते हैं इस पूरे प्रसंग को विस्तार से। शनिदेव का नाम सुनते ही उनके प्रकोप की भयावहता की … Read more

Ajamila Ki Katha: अजामिल की कथा, भगवान के नामोच्चारण से पापमुक्ति की दिव्य महिमा

अजामिल की कथा: श्रीमद्भागवत में भगवान के शरणागत भक्तों की महिमा वर्णित है। गुरु भगवान ने कहा है कि भगवान के शरण में रहने वाले विरले भक्तों के पाप भगवान के नामोच्चारण से उसी प्रकार नष्ट हो जाते हैं, जैसे सूर्य के प्रकाश से कोहरा। जिस व्यक्ति ने अपने मन रूपी मधुकर को भगवान श्रीकृष्ण … Read more

Peeli Pokhar Barsana: राधा रानी के स्पर्श से पीला हो गया था कुंड

बरसाना स्थित पीली पोखर, ब्रजमंडल के पवित्र स्थलों में से एक है। राधारानी के जन्मस्थान पर मौजूद इस अद्वितीय कुंड को प्रिया कुंड के नाम से भी जाना जाता है। यह कुंड राधा–कृष्ण की दिव्य लीलाओं का साक्षी रहा है, और यहां भक्तजन उनके प्रेम और लीलाओं का स्मरण करने आते हैं।पीली पोखर के निर्माण … Read more

Gopi Talab Story:श्री कृष्ण के वियोग में इस तालाब में समा गई थी गोपियाँ

भारत के गुजरात राज्य में स्थित पवित्र शहर द्वारका अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इसी शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है एक प्राचीन और पावन जलाशय, जिसे गोपी तालाब के नाम से जाना जाता है। यह तालाब श्रीकृष्ण और उनकी गोपियों से जुड़ी पौराणिक कथाओं के कारण एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण … Read more

क्यों विष्णु भगवान को प्रिय है तुलसी, जाने पौराणिक कथा और महत्व

हिंदू धर्म में तुलसी का एक विशेष स्थान है। भगवान विष्णु को समर्पित किसी भी पूजा में तुलसी के पत्तों का होना अनिवार्य माना जाता है। तुलसी का पौधा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके औषधीय और पर्यावरणीय गुण भी उल्लेखनीय हैं। आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि तुलसी … Read more

प्रेम, पीड़ा और परमात्मा: देवकी-वसुदेव की अनसुनी गाथा

मेरे जीवन के पिछले नौ साल सबसे कठिन और फिर भी अविश्वसनीय रूप से सबसे धन्य रहे हैं। यदि कोई मेरी कहानी को मेरे दृष्टिकोण से देखे बिना सुने, तो उन्हें निश्चित रूप से लगेगा कि वे किसी भी पैमाने पर मानव अस्तित्व के सबसे अभिशप्त नौ वर्ष थे। यही कारण है कि इस गाथा … Read more

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