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Shri Balaji Ki Aarti Lyrics: श्री बालाजी की आरती- ॐ जय हनुमत वीरा…

श्री बालाजी, जिन्हें भगवान वेंकटेश्वर या तिरुपति बालाजी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। विशेष रूप से दक्षिण भारत में, उनके भक्तों की संख्या असंख्य है। बालाजी की आरती एक ऐसा पवित्र अनुष्ठान है, जो भगवान वेंकटेश्वर की पूजा के दौरान किया जाता है। इस लेख में, हम श्री बालाजी की आरती के महत्व, लाभ और अंततः इसके निष्कर्ष पर गहन चर्चा करेंगे।

Shri Balaji Ki Aarti Lyrics

श्री बालाजी की आरती

ॐ जय हनुमत वीरा,
स्वामी जय हनुमत वीरा ।
संकट मोचन स्वामी,
तुम हो रनधीरा ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

पवन पुत्र अंजनी सूत,
महिमा अति भारी ।
दुःख दरिद्र मिटाओ,
संकट सब हारी ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

बाल समय में तुमने,
रवि को भक्ष लियो ।
देवन स्तुति किन्ही,
तुरतहिं छोड़ दियो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

कपि सुग्रीव राम संग,
मैत्री करवाई।
अभिमानी बलि मेटयो,
कीर्ति रही छाई ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

जारि लंक सिय-सुधि ले आए,
वानर हर्षाये ।
कारज कठिन सुधारे,
रघुबर मन भाये ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

शक्ति लगी लक्ष्मण को,
भारी सोच भयो ।
लाय संजीवन बूटी,
दुःख सब दूर कियो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

रामहि ले अहिरावण,
जब पाताल गयो ।
ताहि मारी प्रभु लाय,
जय जयकार भयो ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..

राजत मेहंदीपुर में,
दर्शन सुखकारी ।
मंगल और शनिश्चर,
मेला है जारी ॥

॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

श्री बालाजी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत इन्द्र हर्षित,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

श्री बालाजी की आरती का महत्व

आरती हिंदू पूजा का एक अभिन्न हिस्सा है, और श्री बालाजी की आरती का विशेष महत्व है। आरती एक प्रकार का श्रद्धांजलि है, जिसमें भक्त भगवान की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर, उसके चारों ओर घुमाते हैं। यह एक ऐसा अनुष्ठान है, जो न केवल शारीरिक पूजा का प्रतीक है, बल्कि आंतरिक रूप से भी भगवान के प्रति श्रद्धा और प्रेम का प्रदर्शन करता है।

1. परमात्मा का स्वागत:
आरती के माध्यम से, भगवान का स्वागत किया जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है। यह अनुष्ठान भगवान को सम्मानित करने का एक तरीका है, जो हमें उनकी दिव्यता और शक्ति का स्मरण दिलाता है।

2. नकारात्मकता का नाश:
आरती के समय जलाए गए दीपक की लौ को भगवान के सामने घुमाने से यह माना जाता है कि यह लौ सारे नकारात्मक प्रभावों को दूर करती है। यह न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति को शुद्ध करती है।

3. ऊर्जा का प्रवाह:
आरती के दौरान की जाने वाली प्रार्थनाओं और मंत्रों के उच्चारण से वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह ऊर्जा भक्तों को आंतरिक शांति और संतुलन प्रदान करती है।

4. भक्तों की एकता:
आरती के समय सभी भक्त एक साथ भगवान की स्तुति करते हैं, जिससे उनमें एकता और सहयोग की भावना उत्पन्न होती है। यह अनुष्ठान सभी को एकसाथ भगवान की आराधना में बांधता है।

श्री बालाजी की आरती के लाभ

श्री बालाजी की आरती करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक होते हैं। ये लाभ निम्नलिखित हैं:

1. मानसिक शांति और संतुलन:
आरती के समय का वातावरण अत्यंत शांत और शुद्ध होता है, जो मानसिक तनाव को दूर करता है। यह मन को शांत करता है और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

2. आध्यात्मिक उन्नति:
आरती के माध्यम से भगवान बालाजी के प्रति समर्पण और भक्ति प्रकट होती है, जो आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है। यह भक्तों को आत्म-साक्षात्कार की दिशा में अग्रसर करता है।

3. रोगों से मुक्ति:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्री बालाजी की आरती नियमित रूप से करने से शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है। दीपक की लौ और धूप के धुएं का स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

4. नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा:
आरती करने से घर और आसपास के वातावरण से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। यह परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करता है और उन्हें विपरीत परिस्थितियों से बचाता है।

5. परिवार में सुख-शांति:
आरती के समय पूरा परिवार एकत्रित होता है, जिससे पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं। यह घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।

6. मनोकामनाओं की पूर्ति:
ऐसा माना जाता है कि श्री बालाजी की आरती करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान वेंकटेश्वर भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं और उनकी इच्छाओं को पूरा करते हैं।

निष्कर्ष

श्री बालाजी की आरती हिंदू धर्म के भक्तों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह न केवल भगवान के प्रति हमारी श्रद्धा और प्रेम का प्रदर्शन करता है, बल्कि हमें मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करता है। आरती के माध्यम से, हम अपने जीवन में संतुलन और शांति प्राप्त कर सकते हैं। भगवान बालाजी की आरती करने से हमें नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है, हमारे रोगों का नाश होता है, और हमारी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

आरती के दौरान गाए गए भजन और मंत्र हमें भगवान के प्रति हमारी आस्था को और भी मजबूत करते हैं। यह अनुष्ठान हमें याद दिलाता है कि भगवान सदैव हमारे साथ हैं और हमें उनकी दिव्यता का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

इस प्रकार, श्री बालाजी की आरती करना एक ऐसी प्रक्रिया है, जो हमें जीवन के हर पहलू में सकारात्मकता और शक्ति प्रदान करती है। यह हमें भगवान के प्रति हमारी भक्ति को और भी गहरा करने में मदद करती है, और हमें इस जीवन के साथ-साथ अगले जीवन में भी मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग दिखाती है।

श्री बालाजी की आरती का नियमित अभ्यास न केवल हमारे जीवन को सुधारता है, बल्कि हमारे परिवार और समाज में भी शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है। इसलिए, हमें प्रतिदिन इस पवित्र आरती का आयोजन करना चाहिए और भगवान बालाजी के आशीर्वाद से अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए।

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