Rama or Shyama Tulsi| रामा या श्यामा तुलसी घर में कौन सी तुलसी लगाना शुभ| जाने लगाने का सही तरीका और महत्व

Rama or Shyama Tulsi : रामा तुलसी और श्यामा तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यह केवल एक पौधा नहीं, बल्कि आस्था, आराधना और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। हर हिंदू घर में तुलसी का स्थान विशेष होता है, और इसे देवी लक्ष्मी का वास स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी होती है, वहां सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

तुलसी का प्रयोग पूजा-पाठ से लेकर औषधीय उपयोग तक हर क्षेत्र में किया जाता है। लेकिन तुलसी की कई किस्में होती हैं, जिनमें रामा तुलसी और श्यामा तुलसी प्रमुख हैं। दोनों ही तुलसी अपने-अपने गुणों, रंग, और प्रभावों में भिन्न हैं, फिर भी दोनों को समान रूप से पवित्र माना गया है।

श्यामा तुलसी
Rama or Shyama Tulsi Importance

रामा और श्यामा तुलसी में क्या अंतर है

रामा तुलसी और श्यामा तुलसी में मुख्य अंतर उनके रंग, सुगंध और गुणों में देखा जाता है।
रामा तुलसी के पत्ते हल्के हरे रंग के होते हैं, जिनकी खुशबू बहुत सौम्य और शीतल होती है। यह तुलसी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अर्पित की जाती है, इसलिए इसे शांति, सौम्यता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि रामा तुलसी जिस घर में होती है, वहां धन, सुख और सौभाग्य का वास होता है।

वहीं, श्यामा तुलसी के पत्तों का रंग गहरा हरा, बैंगनी या काला होता है। इसकी सुगंध तीव्र और ऊर्जावान होती है। श्यामा तुलसी को श्रीकृष्ण से जोड़ा गया है और यह शक्ति, ऊर्जा और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है। ऐसा विश्वास है कि जहां श्यामा तुलसी होती है, वहां नकारात्मक ऊर्जा टिक नहीं पाती और घर का वातावरण सकारात्मक बना रहता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का महत्व

वास्तु शास्त्र में तुलसी को घर का सबसे शुभ पौधा बताया गया है। तुलसी का कोई भी प्रकार — चाहे रामा हो या श्यामा — घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
अगर आप रामा तुलसी लगाते हैं, तो इसे घर के उत्तर या पूर्व दिशा में रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिशा सूर्य और देवताओं की दिशा है, जिससे घर में शांति, समृद्धि और सुख का वातावरण बनता है।

वहीं श्यामा तुलसी को घर के आंगन या बालकनी में रखना अच्छा माना गया है। यह तुलसी घर के सदस्यों के बीच एकजुटता, आत्मबल और मानसिक शांति को बढ़ाती है।
अगर घर में तनाव, विवाद या कलह का वातावरण रहता है, तो श्यामा तुलसी का पौधा लगाना बहुत लाभकारी माना जाता है। यह वातावरण को शांत और संतुलित रखता है। वहीं, जो लोग धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की इच्छा रखते हैं, उन्हें रामा तुलसी लगानी चाहिए क्योंकि यह लक्ष्मी कृपा का प्रतीक है।

दोनों तुलसी के औषधीय गुण

तुलसी केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेद में तुलसी को “औषधियों की रानी” कहा गया है, क्योंकि इसमें शरीर को शुद्ध और मन को शांत रखने की अद्भुत क्षमता होती है।

रामा तुलसी में प्रबल एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह सर्दी-जुकाम, खांसी, गले के दर्द और संक्रमण से राहत देती है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर को मौसम बदलने के प्रभाव से सुरक्षा मिलती है।

श्यामा तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह हृदय के लिए भी लाभदायक मानी जाती है, क्योंकि यह रक्त संचार को सुधारती है और तनाव को कम करती है।
दोनों तुलसी शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का कार्य करती हैं और मन को शांत रखती हैं। तुलसी चाय या तुलसी जल पीने से शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आती है।

तुलसी की देखभाल कैसे करें

तुलसी के पौधे की नियमित देखभाल करना आवश्यक है ताकि यह स्वस्थ और हरा-भरा बना रहे। इसे रोजाना पानी देना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि पौधे की मिट्टी में अत्यधिक नमी न हो। तुलसी को हल्की धूप में रखना सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि सीधी धूप में इसके पत्ते सूख सकते हैं।

पौधे के आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें। शाम के समय तुलसी के पास दीया जलाकर उसकी परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता बनी रहती है।
ध्यान रहे कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि यह धार्मिक रूप से अशुभ माना जाता है। तुलसी पर कभी झूठे हाथ नहीं लगाने चाहिए। अगर तुलसी के पत्ते सूख जाएं, तो उन्हें फेंकने की बजाय गंगा जल में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है।

रामा और श्यामा तुलसी दोनों ही समान रूप से पवित्र और लाभकारी हैं। एक घर में समृद्धि और शांति लाती है, तो दूसरी ऊर्जा और सुरक्षा प्रदान करती है। वास्तु और आयुर्वेद दोनों ही तुलसी को शुभ मानते हैं। चाहे आप रामा तुलसी लगाएं या श्यामा, यह न केवल आपके घर की पवित्रता बढ़ाती है बल्कि आपके जीवन में सुख, स्वास्थ्य और सकारात्मकता का संचार करती है। तुलसी का पौधा वास्तव में एक ऐसा दिव्य उपहार है जो भक्ति, प्रकृति और स्वास्थ्य – तीनों का संगम है।

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