Rakshabandhan 2025: क्या इस बार आपकी बहन राखी बांधने नहीं आ पा रही है या आपके पास बहन है ही नहीं? अगर ऐसा है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। दरअसल, राखी बांधने का अधिकार केवल बहन को ही नहीं होता। बहन की अनुपस्थिति में परिवार के कुछ खास सदस्य भी यह शुभ कार्य कर सकते हैं। आइए जानते हैं, ऐसे कौन-कौन से लोग हैं जिनसे आप राखी बंधवा सकते हैं।
Rakshabandhan 2025 Date: हर वर्ष सावन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को संपूर्ण भारत में राखी का पावन पर्व, अर्थात रक्षा बंधन, बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। वर्ष 2025 में रक्षा बंधन का उत्सव 9 अगस्त को, सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं, उसकी कलाई पर राखी या रक्षासूत्र बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं और उन्हें उपहार भेंट करते हैं।
हालांकि कुछ लोगों को यह त्योहार मनाने का अवसर इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि उनकी बहन दूर होती है या उनकी कोई सगी बहन ही नहीं होती। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि रक्षा बंधन नहीं मनाया जा सकता। बहन की अनुपस्थिति में भी यह पर्व उसी श्रद्धा और भाव से मनाया जा सकता है। यदि आपकी बहन आपसे मिलने नहीं आ पा रही है, या आपके जीवन में बहन का स्थान रिक्त है, तो भी आप कुछ विशेष लोगों से राखी बंधवाकर इस त्योहार का पुण्य और शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं, ऐसे कौन से लोग हैं जिनसे राखी बंधवाकर आप इस पर्व को सार्थक बना सकते हैं।
बहन ना हो तो राखी किन-किन से बंधवा सकते हैं?
जिन लोगों की सगी बहन नहीं होती, वे भी रक्षा बंधन का त्योहार पूरी श्रद्धा और भावना के साथ मना सकते हैं। आप अपनी चचेरी, ममेरी, फूफेरी या मुंह बोली बहन से राखी बंधवा सकते हैं। यदि घर में कोई बहन मौजूद न हो, तो मां, बुआ, मौसी, मामी, चाची या ताई जी से भी राखी बंधवाना पूर्णतः उचित और शुभ माना जाता है।
जो लोग घर से दूर अकेले रहते हैं, वे चाहें तो किसी विश्वसनीय महिला मित्र से राखी बंधवा सकते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि आप उस मित्र को सच्चे मन से अपनी बहन जैसा मानते हों। यदि ऐसा नहीं है, तो ऐसा करना राखी के पवित्र रिश्ते का अपमान माना जाएगा, जो धर्म की दृष्टि से अनुचित है।
यदि आपके पास कोई बहन, रिश्तेदार या मित्र नहीं हैं, तो आप किसी मंदिर के पुजारी, अपने आध्यात्मिक गुरु या किसी श्रद्धेय व्यक्ति से भी राखी बंधवा सकते हैं। यह कार्य भी रक्षा और आत्मिक बंधन का प्रतीक बनकर पुण्य प्रदान करता है।
राखी कब और कैसे उतारनी चाहिए?
शास्त्रों में राखी उतारने को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं बताया गया है, लेकिन धर्मशास्त्रों और विद्वानों की मान्यता के अनुसार, राखी को कम से कम 24 घंटे तक बांधकर रखना आवश्यक होता है। इसके बाद किसी भी शुभ मुहूर्त या अनुकूल समय में इसे उतारा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, कृष्ण जन्माष्टमी और विजयादशमी (दशहरा) जैसे शुभ पर्वों पर राखी उतारना भी अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।
राखी उतारने के बाद क्या करें?
राखी उतारने के बाद उसे घर में अधिक समय तक नहीं रखना चाहिए। एक विकल्प यह है कि आप उसे किसी पवित्र नदी, तालाब या बहते जल में श्रद्धा के साथ विसर्जित कर दें। अगर जल स्रोत उपलब्ध न हो, तो राखी को तुलसी के पौधे या किसी पूजनीय वृक्ष की शाखा में बांध देना भी शुभ माना जाता है।
जो लोग राखी को स्मृति के रूप में संजो कर रखना चाहते हैं, वे उसे लाल रंग की पोटली में सुरक्षित रख सकते हैं। ध्यान रखें कि वह पोटली घर के मंदिर या पूजास्थल में ही रखी जाए, जिससे उसका पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
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