Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 19 – गीता अध्याय 1 श्लोक 19 अर्थ सहित – स घोषो धार्तराष्ट्राणां…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 19 – गीता अध्याय 1 श्लोक 19 अर्थ सहित - स घोषो धार्तराष्ट्राणां..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 19 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 19 in Hindi): महाभारत के युद्ध के दौरान अनेक घटनाएँ घटित हुईं, जो हमारे शास्त्रों में अंकित हैं। इन घटनाओं में से एक महत्वपूर्ण घटना है शंखनाद की ध्वनि, जिसने धृतराष्ट्र के पुत्रों के हृदयों को विदीर्ण कर दिया। श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 19 स घोषो … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 16, 17, 18 – गीता अध्याय 1 श्लोक 16, 17, 18 अर्थ सहित

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 16, 17, 18 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 16, 17, 18 in Hindi): महाभारत के युद्ध के प्रारम्भ का वृतान्त हमें यह सिखाता है कि युद्ध की विभीषिका और नीतियों का क्या परिणाम हो सकता है। आइए, इस महागाथा के अंशों को समझें और इससे प्राप्त होने वाले संदेश को आत्मसात करें। श्रीमद् … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 15 – गीता अध्याय 1 श्लोक 15 अर्थ सहित – पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 15 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 15 in Hindi): महाभारत के युद्ध के पहले दिन की शुरुआत शंखनाद से हुई थी, जिसमें भगवान कृष्ण, अर्जुन और भीम ने अपने-अपने शंख बजाए। आइए इस प्रसंग को गहराई से समझते हैं। श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 15 पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जय:।पौण्ड्रं दध्मौ महाशङ्खं भीमकर्मा वृकोदर: … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 14 – गीता अध्याय 1 श्लोक 14 अर्थ सहित – ततः श्र्वेतैर्हयैर्युक्ते महति…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 14 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 14 in Hindi): कृष्ण और अर्जुन की महत्त्वपूर्ण भूमिका महाभारत के युद्ध में जगजाहिर है। श्रीमद्भगवद्गीता के इस श्लोक में (1.14), यह बताया गया है कि किस प्रकार कृष्ण और अर्जुन ने अपने-अपने दिव्य शंख बजाए, जो उनके विजय का संकेत था। श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक … Read more

क्यों विष्णु भगवान को प्रिय है तुलसी, जाने पौराणिक कथा और महत्व

हिंदू धर्म में तुलसी का एक विशेष स्थान है। भगवान विष्णु को समर्पित किसी भी पूजा में तुलसी के पत्तों का होना अनिवार्य माना जाता है। तुलसी का पौधा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके औषधीय और पर्यावरणीय गुण भी उल्लेखनीय हैं। आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि तुलसी … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 13 – गीता अध्याय 1 श्लोक 13 अर्थ सहित – ततः शङ्खाश्च भेर्यश्च…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 13 (Bhagwat Geeta Chapter 1 sloka 13 in Hindi): युद्ध का मैदान एक अद्वितीय स्थान होता है जहाँ केवल तलवारों और तीरों की आवाज़ ही नहीं, बल्कि संगीत की ध्वनि भी गूंजती है। महाभारत के युद्ध के प्रारंभ में एक ऐसा ही दृश्य देखने को मिलता है जब भीष्म पितामह ने अपने शंख … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 12 – गीता अध्याय 1 श्लोक 12 अर्थ सहित – तस्य सञ्जनयन्हर्षं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 12 (Bhagwat Geeta Ch 1 shlok 12 in Hindi): महाभारत का युद्ध भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस युद्ध में अनेक वीर योद्धाओं ने भाग लिया, लेकिन कुछ चरित्र ऐसे थे जो अपने अद्वितीय साहस और शक्ति के लिए सदैव याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक महान योद्धा थे भीष्म … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 11 – गीता अध्याय 1 श्लोक 11 अर्थ सहित – अयनेषु च सर्वेषु…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 11 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shloka 11 in Hindi): महाभारत के युद्ध के आरंभ में, कौरवों के सेनापति भीष्म पितामह के शौर्य की प्रशंसा करते हुए दुर्योधन ने सभी योद्धाओं को उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी। दुर्योधन ने कहा: श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 11 अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः ।भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 10 – गीता अध्याय 1 श्लोक 10 अर्थ सहित – अपर्याप्तं तदस्माकं बलं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 10 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 10 in Hindi): महाभारत, जो भारतीय पौराणिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, कई युद्ध रणनीतियों और नायकों की कहानियों से भरी हुई है। इस महाकाव्य में, दुर्योधन का एक प्रमुख दृष्टिकोण है जो उसकी सेना और पांडवों की सेना की तुलना करता है। दुर्योधन का यह … Read more

December Ekadashi 2024 :सफला एकादशी 2024 कब है, तिथि, पूजा विधि, महत्व और पौराणिक कथा

सफला एकादशी, जिसे पापमोचनी एकादशी और ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह वर्ष में दो बार आती है – माघ मास में और पौष मास में। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है … Read more

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