Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 31 – गीता अध्याय 1 श्लोक 31 अर्थ सहित – न च श्रेयोSनुपश्यामि…..

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 31 – गीता अध्याय 1 श्लोक 31 अर्थ सहित - न च श्रेयोSनुपश्यामि.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 31 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 31 in Hindi): महाभारत का युद्ध न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह मानव मनोविज्ञान और नैतिकता का गहन अध्ययन भी है। अर्जुन की मानसिक अवस्था और उनके संघर्ष को समझना, हमें अपनी दुविधाओं और नैतिक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता के … Read more

Santoshi Mata Ki Aarti: संतोषी माता की आरती जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता…

संतोषी माता की आरती(Santoshi Mata Ki Aarti) हिन्दू धर्म में अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ गाई जाती है। यह आरती संतोषी माता के प्रति भक्तों के असीम प्रेम और उनकी कृपा की कामना को दर्शाती है। आरती के माध्यम से भक्त माता से जीवन में संतोष, सुख और समृद्धि की कामना करते हैं। यहाँ … Read more

Shree Durga Ji Ki Aarti: दुर्गा जी की आरती ॐ जय अम्बे गौरी…

Last Updated: 27th September 2025 Durga Ji Ki Aarti: दुर्गा जी, जिन्हें ‘महाशक्ति’ और ‘माँ दुर्गा‘ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे शक्ति, साहस, और रक्षा की देवी मानी जाती हैं। माँ दुर्गा की आराधना नवरात्रि, दुर्गाष्टमी और अन्य विशेष अवसरों पर की जाती … Read more

विष्णु जी की आरती | Jagdish Ji Ki Aarti | ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स | Vishnu Ji Ki Aarti Written PDF Image

भगवान विष्णु हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें संसार का पालनहार और धर्म की रक्षा करने वाला माना जाता है। विष्णु जी की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti) उनकी भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे “ॐ जय जगदीश हरे” के नाम से जाना जाता है। यह आरती भक्तों के दुखों को दूर … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 30 – गीता अध्याय 1 श्लोक 30 अर्थ सहित – न च शक्रोम्यवस्थातुं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 30 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 30 in Hindi): युद्धभूमि में खड़ा अर्जुन, मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में संघर्षरत था। गीता के अध्याय 1 श्लोक 30(Gita Chapter 1 Verse 30) “न च शक्रोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः” के माध्यम से उसकी आंतरिक उलझनों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। आइए, इस … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 29 – गीता अध्याय 1 श्लोक 29 अर्थ सहित – वेपथुश्च शरीरे मे…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 29 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 29 in Hindi): महाभारत के युद्ध के मैदान में, जब महान योद्धा अर्जुन अपने शत्रुओं के समक्ष खड़े हुए, उनकी शारीरिक और मानसिक अवस्था विचलित हो उठी। इसके एक उदाहरण के रूप में हमें गीता के अध्याय 1 श्लोक 29(Gita Chapter 1 Verse 29) में देखने को मिलता … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 28 – गीता अध्याय 1 श्लोक 28 अर्थ सहित – दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्ण…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 28 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 28 in Hindi): महाभारत के युद्धक्षेत्र में अर्जुन की मनोदशा को समझना हमें मानवीय संवेदनाओं और करुणा की गहराई में ले जाता है। उनके शब्दों में छिपी व्यथा और हृदय की कोमलता का विश्लेषण एक ऐसा दृष्टिकोण प्रदान करता है जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 27 – गीता अध्याय 1 श्लोक 27 अर्थ सहित – तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 27 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 27 in Hindi): महाभारत के युद्धभूमि में अर्जुन की करुणा से भरी दुविधा का वर्णन। कुन्तीपुत्र अर्जुन ने युद्ध के दौरान अपने बंधुओं को देखकर कैसे उनकी वीरता कम हो गई, जानें इस लेख में। श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 27 तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान्। कृपया परयाविष्टो … Read more

Bhagavad Gita Chapter 1 Verse-Shloka 26 – गीता अध्याय 1 श्लोक 26 अर्थ सहित – तत्रापश्यत्स्थितान् पार्थ:…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 1 श्लोक 26 (Bhagwat Geeta adhyay 1 shlok 26 in Hindi): महाभारत का युद्ध, जो कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था, न केवल एक ऐतिहासिक घटना थी बल्कि जीवन के कई गहरे और महत्वपूर्ण पाठों से भरा हुआ है। गीता के श्लोक 1.26 में, श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित एक अद्भुत दृश्य सामने आता है, जब अर्जुन ने … Read more

Brihaspati Dev Ji Ki Aarti: बृहस्पति देव की आरती Lyrics | ॐ जय बृहस्पति देवा

Brihaspati Dev Ji Ki Aarti: बृहस्पति देव, जिन्हें देवताओं के गुरु के रूप में जाना जाता है, वे हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय हैं। बृहस्पति देव ज्ञान, शिक्षा, और धार्मिकता के प्रतीक हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से गुरुवार के दिन की जाती है, जिसे बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। इस लेख में हम बृहस्पति … Read more

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