Shri Balaji Ki Aarti Lyrics: श्री बालाजी की आरती- ॐ जय हनुमत वीरा…

श्री बालाजी

श्री बालाजी, जिन्हें भगवान वेंकटेश्वर या तिरुपति बालाजी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। विशेष रूप से दक्षिण भारत में, उनके भक्तों की संख्या असंख्य है। बालाजी की आरती एक ऐसा पवित्र अनुष्ठान है, जो भगवान वेंकटेश्वर की पूजा के दौरान किया जाता है। इस … Read more

Maa Durga Maa Kali Aarti Lyrics : माँ दुर्गा माँ काली आरती- अम्बे तू है जगदम्बे काली

माँ दुर्गा

Last Updated: 27th September 2025 माँ दुर्गा माँ काली आरती- अम्बे तू है जगदम्बे काली (Maa Durga Maa Kali Aarti Lyrics) : हिंदू धर्म में देवी माँ की आराधना को विशेष महत्व प्राप्त है। माँ दुर्गा और माँ काली को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। यह दोनों देवियाँ असीम शक्ति, साहस और करुणा … Read more

Bhagwat Gita Chapter 2 Verse 8 Shloka 8 | गीता अध्याय 2 श्लोक 8 अर्थ सहित | न हि प्रपश्यामि ममापनुद्या…..

Bhagwat Geeta Chapter 2 Verse-Shloka 8 – गीता अध्याय 2 श्लोक 8 अर्थ सहित - न हि प्रपश्यामि ममापनुद्या..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 8 (Bhagwat Geeta adhyay 2 Shlok 8 in Hindi): भगवद्गीता का श्लोक 2.8(Bhagwat Geeta Chapter 2 Verse in Hindi) अर्जुन के गहरे शोक और उसकी आंतरिक संघर्ष की स्थिति का वर्णन करता है। यह श्लोक हमें यह समझने में मदद करता है कि भौतिक सुख-सुविधाएं और सांसारिक सफलता किसी के आंतरिक दुख को … Read more

Shri Khaatu Shyam Ji Ki Aarti Lyrics: श्री खाटू श्याम जी की आरती – ॐ जय श्री श्याम हरे…

Shri Khaatu Shyam Aarti Lyrics: श्री खाटू श्याम जी की आरती - ॐ जय श्री श्याम हरे... | Festivalhindu.com

श्री खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। महाभारत के युद्ध में, भीष्म के पोते और पांडवों के वीर योद्धा बर्बरीक ने भगवान श्रीकृष्ण को अपने सिर का दान किया था। भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था कि कलियुग में वे खाटू श्याम के रूप में पूजे जाएंगे और … Read more

Shri Jagannath Aarti Lyrics: श्री जगन्नाथ आरती -चतुर्भुज जगन्नाथ कंठ शोभित…

जगन्नाथ

LAST UPDATED: 25th June 2025 चतुर्भुज जगन्नाथ कंठ शोभित कौसतुभ आरती: हिंदू धर्म में आरती का विशेष महत्व है। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक भी है। जब हम श्री जगन्नाथ की आरती करते हैं, तो हम भगवान जगन्नाथ, जो कि जगत के नाथ हैं, … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 7 Shloka 7 | गीता अध्याय 2 श्लोक 7 अर्थ सहित | कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः पृच्छामि…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 7 – गीता अध्याय 2 श्लोक 7 अर्थ सहित - कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः पृच्छामि.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 7 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 7 in Hindi): भगवद्गीता के श्लोक 2.7(Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 7) में अर्जुन की मानसिक स्थिति और उनके द्वारा भगवान कृष्ण से मार्गदर्शन की याचना का वर्णन है। यह श्लोक न केवल अर्जुन की दुविधा को दर्शाता है, बल्कि जीवन की उलझनों से निपटने के लिए … Read more

Mahadev Ji Ki Aarti Lyrics: महादेव की आरती – सत्य, सनातन, सुंदर…

महादेव

महादेव, जिन्हें भगवान शिव के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। शिव को संहारक और सृष्टि के पुनर्रचनाकार के रूप में पूजा जाता है। महादेव की आराधना में उनकी आरती का विशेष महत्व है। महादेव की आरती एक ऐसा माध्यम है जिससे भक्त अपने हृदय की … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 6 Shloka 6 | गीता अध्याय 2 श्लोक 6 अर्थ सहित | न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरियो…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 6 – गीता अध्याय 2 श्लोक 6 अर्थ सहित - न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरियो…..| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 6 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 6 in Hindi): भगवद् गीता के दूसरे अध्याय का श्लोक 6 (Gita Chapter 2 Verse 6) अर्जुन की मानसिक अवस्था और उसकी नैतिक दुविधा को गहराई से प्रकट करता है। अर्जुन इस युद्ध में खुद को एक कठिन परिस्थिति में पाता है, जहाँ उसे यह समझ नहीं … Read more

Shri Raam Stuti Lyrics: श्री राम स्तुति- श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन…

श्री राम

श्री राम स्तुति भगवान श्री राम की महिमा का गुणगान करने वाला एक महत्वपूर्ण और पवित्र मंत्र है। भगवान राम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। उनकी स्तुति से भक्त उनके गुणों, उनके जीवन के आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित धर्म के मार्ग … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 5 Shloka 5 | गीता अध्याय 2 श्लोक 5 अर्थ सहित | गुरूनहत्वा हि महानुभवान…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 5 – गीता अध्याय 2 श्लोक 5 अर्थ सहित - गुरूनहत्वा हि महानुभवान..... | Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 5 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 5 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक 2.5(Gita Chapter 2 Verse 5) में अर्जुन की मनोस्थिति को दर्शाया गया है। अर्जुन अपने गुरुजनों और बड़ों के प्रति आदर और कर्तव्य के बीच उलझा हुआ है। उसे समझ नहीं आता कि क्या युद्ध करके अपने गुरुजनों का वध करना … Read more