Radha Ashtami 2024 :क्यों मनाते हैं राधा अष्टमी? जाने इस त्यौहार से जुड़े कुछ खास बातें

राधा अष्टमी

राधा अष्टमी, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जिसे श्री राधा जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि राधा जी को भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रिया और अनन्य भक्त के रूप में पूजा जाता है। राधा अष्टमी का पर्व, भगवान श्रीकृष्ण के साथ … Read more

Hawan Yagya Prarthana: हवन यज्ञ प्रार्थना- पूजनीय प्रभो हमारे…

हवन और यज्ञ हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान हैं, जिन्हें अनादि काल से विभिन्न धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। हवन और यज्ञ का उद्देश्य न केवल देवताओं को प्रसन्न करना है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति लाना भी है। इन अनुष्ठानों में अग्नि … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 16 Shloka 16 | गीता अध्याय 2 श्लोक 16 अर्थ सहित | नासतो विद्यते भावो नाभावो…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 16 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 16 in Hindi): भगवद्गीता, जो कि महाभारत के भीष्म पर्व का एक हिस्सा है, विश्वभर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ के रूप में प्रतिष्ठित है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का संग्रह है, जिसमें जीवन, मृत्यु, धर्म, और कर्तव्य … Read more

Gayatri Mata Ki Aarti Lyrics :गायत्री माता की आरती -जयति जय गायत्री माता…

गायत्री माता को हिंदू धर्म में वेदों की माता और सभी देवताओं की शक्ति के रूप में पूजा जाता है। गायत्री मंत्र, जो संसार का सबसे पवित्र मंत्र माना जाता है, गायत्री माता को समर्पित है। इस मंत्र के माध्यम से लोग ज्ञान, शुद्धि, और आत्मिक उन्नति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। गायत्री … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 15 Shloka 15 | गीता अध्याय 2 श्लोक 15 अर्थ सहित | यं हि न व्यथयन्त्येते पुरुषं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 15 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 15 in Hindi): भगवद गीता के श्लोक 2.15 (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 15) में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को एक महत्वपूर्ण जीवन की सीख दी है। यह श्लोक न केवल अर्जुन के लिए बल्कि हम सभी के लिए जीवन में आने वाले कठिनाइयों … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 14 Shloka 14 | गीता अध्याय 2 श्लोक 14 अर्थ सहित | मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 14 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 14 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता में निहित ज्ञान के अनेक श्लोक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण शिक्षाएँ प्रदान करते हैं। इन्हीं में से एक श्लोक 2.14(Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 14) है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के सुख-दुःख और शीत-उष्णता के … Read more

Shri Yugalkishor Ki Aarti Lyrics: युगलकिशोर की आरती- आरती युगलकिशोर की कीजै…

युगलकिशोर, जिन्हें राधा-कृष्ण के दिव्य युगल के रूप में पूजा जाता है, हिंदू धर्म में प्रेम, भक्ति, और दिव्यता के प्रतीक माने जाते हैं। राधा और कृष्ण की जोड़ी को अनंत प्रेम का प्रतीक माना जाता है, और इनकी आरती भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। युगलकिशोर की आरती के माध्यम से भक्तजन … Read more

Ganga Mata Ki Aarti Lyrics: गंगा माता की आरती- नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्…

गंगा माता, जिन्हें गंगा नदी के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र देवी मानी जाती हैं। गंगा नदी को धरती पर स्वर्ग से उतरने वाली नदी के रूप में देखा जाता है, जो मनुष्य को पापों से मुक्त कर सकती है और मोक्ष की प्राप्ति करवा सकती है। … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 13 Shloka 13 | गीता अध्याय 2 श्लोक 13 अर्थ सहित | देहिनोSस्मिन्यथा देहे कौमारं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 13 (Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 13 in Hindi): भगवद गीता का श्लोक 2.13 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 13) जीवन के चक्र और आत्मा के अमरत्व को समझाने वाला एक महत्वपूर्ण श्लोक है। यह श्लोक हमें यह सिखाता है कि जीवन में परिवर्तन स्वाभाविक हैं और आत्मा अमर है। … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 12 Shloka 12 | गीता अध्याय 2 श्लोक 12 अर्थ सहित | नत्वेवाहं जातु नासं…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12 (Bhagwat Geeta adhyay 2 shlok 12 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक 2.12(Bhagwat Gita Chapter 2 Shloka 12) में भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा की शाश्वतता और अमरता का एक गहन और महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस श्लोक में वे न केवल अर्जुन को, बल्कि समस्त मानव जाति को यह बताते हैं कि आत्मा … Read more

Exit mobile version