Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 45 Shloka 45 | गीता अध्याय 2 श्लोक 45 अर्थ सहित | त्रैगुण्यविषया वेदा…..

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse-Shloka 45 – गीता अध्याय 2 श्लोक 45 अर्थ सहित - त्रैगुण्यविषया वेदा.....| Festivalhindu.com

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 45 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 45 in Hindi): श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय दर्शन का ऐसा ग्रंथ है, जो जीवन के हर पहलू पर गहन ज्ञान प्रदान करता है। यह न केवल एक धार्मिक पुस्तक है, बल्कि यह आत्मा, ब्रह्मांड, और भौतिक जीवन के बीच संतुलन को समझाने का भी एक अद्वितीय … Read more

Maha Kumbh Mela 2025: कहां लगेगा साल 2025 का महाकुंभ मेला, जाने स्नान की प्रमुख तिथियां

महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह मेला भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और परंपराओं का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। साल 2025 में यह भव्य आयोजन प्रयागराज के संगम तट पर होने वाला है, और इसके लिए तैयारियां पूरे जोरों पर चल रही हैं। इस … Read more

Mahabharat: जानिए महाभारत के योद्धा अश्वत्थामा कौन थे, क्या थी उनकी कहानी, कौन थी उनकी पत्नी, पुत्र….

महाभारत के एक महान योद्धा को आज भी जीवित माना जाता है, और उनसे जुड़े अनेक रहस्य प्रचलित हैं। उस योद्धा का नाम अश्वत्थामा था। महाभारत के युद्ध में उनकी मृत्यु नहीं हुई थी, बल्कि वे जंगलों में लुप्त हो गए थे। कहा जाता है कि भगवान शंकर से उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त था, … Read more

Mahabharat:महाभारत के बाद धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती की मृत्यु कैसे हुई?

महाभारत का युद्ध अपने आप में एक अभूतपूर्व घटना थी, जिसने पूरे आर्यावर्त को झकझोर दिया। इस युद्ध में कौरवों का संपूर्ण वंश समाप्त हो गया, और पांडव विजयी हुए। हस्तिनापुर का राज्य पांडवों को प्राप्त हुआ। कौरवों में केवल युयुत्सु जीवित रहे क्योंकि उन्होंने युद्ध में पांडवों का साथ दिया था। परंतु, वंश नाश … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 44 Shloka 44 | गीता अध्याय 2 श्लोक 44 अर्थ सहित | भोगैश्र्वर्यप्रसक्तानां…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 44 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 44 in Hindi): गीता के अध्याय 2, श्लोक 44(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 44) में भगवान श्रीकृष्ण ने यह महत्वपूर्ण शिक्षा दी है कि भौतिक भोग और ऐश्वर्य के प्रति आसक्ति मनुष्य के मन की स्थिरता को बाधित करती है और उसे भगवान की … Read more

Mahabharat: भीम की चार पत्नियां, एक थी अद्वितीय सुंदरता की मूरत, तो दूसरी में था भीम जैसा अद्भुत बल

महाभारत के पांडवों में सबसे शक्तिशाली योद्धा भीम को उनकी ताकत और वीरता के लिए जाना जाता है। हालांकि, उनकी शादी से जुड़ी कहानियों के बारे में कम ही लोग विस्तार से जानते हैं। द्रौपदी के साथ उनकी शादी की कथा तो अधिकतर लोगों को ज्ञात है, लेकिन भीम ने द्रौपदी के अलावा तीन और … Read more

Ekadashi January 2025: षटतिला एकादशी 2025 कब है, जाने तिथि, महत्व और कथा

षटतिला एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत में तिल का विशेष महत्व होता है। षटतिला … Read more

Basant Panchami 2025: साल 2025 में कब है बसंत पंचमी, जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

बसंत पंचमी जिसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसे ज्ञान, विद्या और संगीत की देवी माता सरस्वती को समर्पित किया जाता है। हिंदू धर्म में इसे अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व दिया जाता … Read more

रावण के सिरो की संख्या दस क्यू थी, जाने क्या थे उनके नाम

रावण को दशानन कहा जाता है क्योंकि उसके दस सिर थे। यह दस सिर उसके व्यक्तित्व की विविधता और उसकी शक्तियों का प्रतीक थे। रावण के दस सिरों का होना न केवल उसकी शारीरिक ताकत को दर्शाता था, बल्कि यह उसके विभिन्न गुणों और इच्छाओं का भी प्रतीक था। लेकिन रावण के सिरों की संख्या … Read more

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 Shloka 42, 43 | गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 अर्थ सहित | यामिमां पुष्पितां…..कामात्मानः स्वर्गपरा…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 2 श्लोक 42, 43 (Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 42, 43 in Hindi): श्रीभगवद्गीता भारतीय संस्कृति और दर्शन का ऐसा ग्रंथ है, जो जीवन के गहन अर्थों और आध्यात्मिक ज्ञान को उजागर करता है। इसके प्रत्येक श्लोक में जीवन की किसी न किसी गूढ़ समस्या का समाधान छुपा हुआ है। गीता के … Read more

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