July Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी 2025 में कब है | चातुर्मास में क्या करें क्या नहीं

आषाढ़ मास

Devshayani Ekadashi 2025 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी को अत्यंत शुभ माना गया है। इसी दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा हेतु प्रवेश करते हैं और आगामी चार महीनों तक सृष्टि की जिम्मेदारी अन्य देवताओं को सौंप देते हैं। इस पावन तिथि को देवशयनी एकादशी … Read more

Yogini Ekadashi Vrat Katha | योगिनी एकादशी के दिन इस व्रत कथा का पाठ दिलाता है 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य

चातुर्मास

Yogini Ekadashi Vrat Katha: योगिनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को रोगों से छुटकारा मिलता है और उसका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। इस व्रत के फलस्वरूप उतना पुण्य प्राप्त होता है जितना 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने से मिलता है। इसके अतिरिक्त, इस व्रत से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते … Read more

June Sankashti Chaturthi 2025| कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी कब है| यहाँ जाने शुभ मुहूर्त और योग

कृष्णपिङ्गल

Krishnapingal Sankashti Chaturthi Date 2025: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 2025 के अवसर पर, श्रद्धालु विघ्नहर्ता गणपति की विशेष पूजा करते हैं। यह पर्व प्रतिमाह चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जिसे सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस दिन गणेश व्रत और पूजा … Read more

June Purnima 2025 Date: ज्येष्ठ पूर्णिमा जून के महीने में कब| जाने तिथि, पूजा, महत्व और उपाय

ज्येष्ठ पूर्णिमा

Jyeshtha Purnima 2025 Date: सनातन परंपरा में ज्येष्ठ पूर्णिमा का अत्यधिक धार्मिक महत्व माना गया है। इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं और सत्यनारायण व्रत का पालन कर भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस पावन अवसर पर गंगा में स्नान करने से सभी प्रकार के दुखों और पापों से मुक्ति … Read more

June Ekadashi 2025| योगिनी एकादशी 2025 जून में कब मनाई जाएगी | जाने तिथि, पूजा विधि और लाभ

रमा एकादशी

Yogini Ekadashi 2025 Date: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यदायी और महत्वपूर्ण माना जाता है। देशभर में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह एकादशी प्रमुख व्रतों में से एक मानी जाती है, जो भक्तों को शारीरिक रोगों से राहत दिलाने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा … Read more

Nirjala Ekadashi 2025 | निर्जला एकादशी पर रात के समय इस जगह पर जलाएं दिया, होगी हर मनोकामना पूरी

चातुर्मास

Nirjala Ekadashi 2025 Date: निर्जला एकादशी, जिसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान विष्णु की आराधना का एक अत्यंत पुण्यदायक अवसर है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाने वाला यह पर्व, सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भक्तजन कठोर व्रत रखकर न केवल अन्न … Read more

Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी पर घर ले आएं ये चीज, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

आषाढ़ मास

June Ekadashi Date 2025: सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का अत्यंत पावन महत्व बताया गया है। यह व्रत ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है और इसे वर्ष की सबसे कठोर लेकिन अत्यधिक पुण्यदायी एकादशी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा … Read more

Kartik Snan 2025: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के लिए क्या है शुभ मुहूर्त जाने समय और स्नान-दान और पूजा के शुभ मुहूर्त

कार्तिक

Last Updated: 07 October 2025 Kartik Ganga Snan 2025 Date:सनातन धर्म के अनुयायी हर महीने की अपनी विशिष्टता मानते हैं, लेकिन कार्तिक माह का विशेष महत्व है। यह माह भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दौरान होने वाले त्योहार और विशेष तिथियां भक्तों के लिए अति शुभ मानी जाती हैं। विशेषकर, इस माह के … Read more

Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथयात्रा में होने वाली छेरा पहरा की रस्म क्या होती है | जाने इस रस्म का महत्व

जगन्नाथ

Jagannath Rath Yatra 2025: छेरा पहरा की रस्म, जो जगन्नाथ रथ यात्रा का एक महत्वपूर्ण अंग है, गहरे धार्मिक भाव और आध्यात्मिक संदेश से जुड़ी हुई है। यह परंपरा यह दर्शाती है कि ईश्वर की सच्ची भक्ति में अहंकार के लिए कोई स्थान नहीं है, और नि:स्वार्थ सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। जगन्नाथ रथ … Read more

Jagannath Rath Yatra 2025:भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा वर्ष 2025 में कब निकलेगी| जानिए इसकी चमत्कारी कथा

जगन्नाथ

Jagannath Rath Yatra 2025 Date :प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा आयोजित की जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान जगन्नाथ अपने भ्राता बलराम जी और बहन सुभद्रा जी के साथ तीन अलग-अलग रथों में विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। यह … Read more