नवरात्रि के नौ दिनों में सातवां दिन देवी माँ कालरात्रि की पूजा और आराधना के लिए समर्पित होता है। माँ कालरात्रि को सबसे उग्र और शक्तिशाली रूपों में से एक माना जाता है। यह रूप देवी दुर्गा के विनाशकारी और रक्षक स्वरूप का प्रतीक है। माँ कालरात्रि का यह रूप अज्ञान, भय, और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करने वाला है। वे अपने भक्तों को सभी प्रकार के भयों से मुक्त करती हैं और जीवन में सुरक्षा और साहस का संचार करती हैं।
माँ कालरात्रि का वर्ण काला है, उनके बाल बिखरे हुए हैं, और उनके तीन नेत्र हैं। उनके इस रौद्र रूप से बुरी शक्तियां भयभीत होती हैं, जबकि भक्तों को उनसे शक्ति और साहस मिलता है। माँ की आराधना से भय, शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।

माँ कालरात्रि को अर्पित करें ये भोग (Navratri Day 7th Maa Kalratri Bhog)
माँ कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को उनकी पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करना चाहिए। यहाँ कुछ प्रमुख भोग दिए गए हैं जो माँ कालरात्रि को अर्पित किए जा सकते हैं:
- गुड़: माँ कालरात्रि को गुड़ का भोग विशेष रूप से प्रिय है। इसे अर्पित करने से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपने आशीर्वाद की वर्षा करती हैं। गुड़ का भोग अर्पित करने से शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है और सेहत में सुधार होता है।
- जागरी (गुड़) के साथ रोटी: देवी को प्रसन्न करने के लिए गुड़ के साथ ताज़ी रोटी का भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह भोग जीवन में सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
- तिल: तिल का भोग माँ कालरात्रि को अर्पित करने से भक्तों के पापों का नाश होता है और सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है।
- काले चने: माँ कालरात्रि की पूजा में काले चनों का भोग अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। काले चने देवी को अर्पित करने से भक्तों को शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और उनके जीवन में साहस का संचार होता है।
- मिठाई: माँ को मिठाई, विशेष रूप से बेसन के लड्डू या काले रंग की मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- शहद: शहद का भोग अर्पित करने से देवी माँ के आशीर्वाद से जीवन में मिठास और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- नारियल: नारियल माँ कालरात्रि को अर्पित करने से भक्तों के सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
माँ कालरात्रि की पूजा का महत्व (Maa Kalratri Puja Mahatva)
माँ कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों के जीवन में भय, बुराई और नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो जीवन में भय, कठिनाइयों या शत्रुओं से घिरे रहते हैं। माँ कालरात्रि की पूजा से व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास, और शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है। उनकी आराधना से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है, और उसे अपने मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने की शक्ति प्राप्त होती है।
माँ कालरात्रि की पूजा के दौरान, उन्हें काले वस्त्र और फूल अर्पित किए जाते हैं। साथ ही, देवी को भोग चढ़ाकर आरती की जाती है। माँ कालरात्रि की उपासना करने से मन को शांति मिलती है और जीवन की सभी कठिनाइयों का अंत होता है।
निष्कर्ष
नवरात्रि का सातवां दिन माँ कालरात्रि की पूजा और भक्ति का दिन है। इस दिन देवी को गुड़, काले चने, तिल, और नारियल का भोग अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। माँ कालरात्रि की आराधना से सभी प्रकार के भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में साहस, शक्ति, और सकारात्मकता का संचार होता है। नवरात्रि के इस पावन दिन पर माँ कालरात्रि की उपासना करके उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल और भयमुक्त बनाएं।