Masik Shivratri May 2025 | मासिक शिवरात्रि का व्रत मई मे कब रखा जाएगा | जाने महादेव को इस दिन कैसे करें प्रसन्न

Masik Shivratri May 2025 Date: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि विवाह संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए भी अत्यंत फलदायी माना गया है।

मासिक शिवरात्रि
Masik Shivratri May 2025 Date

मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन विधिपूर्वक शिव-पार्वती का पूजन करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कन्याएं उत्तम वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि हेतु यह व्रत करती हैं।

इस दिन पूजा के दौरान शिवलिंग का अभिषेक करना विशेष लाभकारी होता है। अभिषेक के लिए दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल, बेलपत्र और धतूरा जैसे पवित्र सामग्री का प्रयोग किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन सामग्रियों से शिवलिंग का जलाभिषेक करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

मासिक शिवरात्रि मई 2025 तिथि (Masik Shivratri May 2025 Date)

ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि का पर्व 25 मई 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 25 मई को दोपहर 03:51 बजे से होगी और इसका समापन 26 मई को दोपहर 12:11 बजे होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि का व्रत और पूजन चतुर्दशी तिथि के प्रदोषकाल में करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

इस दिन महादेव की आराधना का सबसे उत्तम समय रात को 11:58 बजे से 12:38 बजे तक रहेगा। इसी समय में शिवलिंग का अभिषेक, मंत्र जाप और व्रत पूजन करना विशेष फलदायक होता है।

पंचांग विवरण

  • सूर्योदय: सुबह 05:26 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 07:11 बजे
  • चंद्रोदय: सुबह 04:16 बजे
  • चंद्रास्त: शाम 05:22 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:04 से 04:45 तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:36 से 03:31 तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:09 से 07:30 तक

मासिक शिवरात्रि पर ऐसे पाएं वैवाहिक सुख

यदि आप अपने वैवाहिक जीवन में तनाव या किसी समस्या का अनुभव कर रहे हैं, तो मासिक शिवरात्रि का पावन दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए विशेष माना गया है। इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक शिव-पार्वती की पूजा करें, और उन्हें फल, मिठाई तथा प्रिय वस्तुओं का भोग अर्पित करें। साथ ही, जीवन में प्रेम, समर्पण और शांति की कामना करें। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत और पूजन से दांपत्य जीवन में सामंजस्य बढ़ता है और विवाह संबंधी सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।

भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

मासिक शिवरात्रि के पवित्र दिन पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

  • व्रत रखें: मासिक शिवरात्रि का व्रत रखना भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है। आप सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक व्रत रख सकते हैं। सात्विक भोजन ग्रहण करें और रात्रि में शिव पूजा के बाद ही पारण करें।
  • पूजा का विधान: इस पवित्र दिन पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और उन्हें बेलपत्र, धतूरा, भांग, आंकड़े आदि अर्पित करें। 
  • धूप और दीप प्रज्वलित करें: पूजा के दौरान शुद्ध धूप जलाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और भगवान शिव से मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
  • शिव स्त्रोत का पाठ: मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा, शिवलिंगाष्टक स्तोत्र, रुद्राष्टकम आदि का पाठ करना शुभ माना जाता है। इन स्त्रोतों के पाठ से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
  • दान का महत्व: मासिक शिवरात्रि के पवित्र दिन दान करने का विशेष महत्व है। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें। दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  • शिवलिंग का अभिषेक करें: मासिक शिवरात्रि के दिन दूध, दही, शहद, गंगाजल और पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के बाद शिवलिंग पर वस्त्र चढ़ाएं और श्रृंगार करें। ऐसा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

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