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Masik Shivratri January 2025:मासिक शिवरात्रि जनवरी 2025 में कब है? जानिए तिथि, व्रत कथा और पूजा लाभ

जनवरी 2025 की पहली मासिक शिवरात्रि हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण धार्मिक तिथि है जो भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन का व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे जनवरी 2025 की पहली मासिक शिवरात्रि की तिथि, व्रत कथा, लाभ और पूजा विधि के बारे में।

मासिक शिवरात्रि
Masik Shivratri January 2025

मासिक शिवरात्रि 2025 तिथि और समय (Masik Shivratri January 2025 Date and Time)

जनवरी 2025 की पहली मासिक शिवरात्रि की तिथि 27 जनवरी को है।

प्रारम्भ – 08:34 पी एम, जनवरी 27
समाप्त – 07:35 पी एम, जनवरी 28

इस दिन भक्तजन भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनके विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। शिवरात्रि की रात में भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है, क्योंकि इस समय शिव जी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा (Masik Shivratri Vrat Katha)

प्राचीन पौराणिक कथा के अनुसार, चित्रभानु नामक एक शिकारी था, जो अपने परिवार का भरण-पोषण जानवरों का शिकार करके करता था। उस पर एक साहूकार का कर्ज था, जिसे वह चुकाने में असमर्थ था। एक दिन साहूकार ने उसे शिव मठ में बंदी बना लिया। संयोगवश, उस दिन शिवरात्रि थी। साहूकार के घर पूजा हो रही थी और शिकारी भगवान शिव से संबंधित धार्मिक वार्ताएँ सुनता रहा। अगले दिन उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी। शाम को साहूकार ने उसे बुलाया और कर्ज की चर्चा की। शिकारी ने अगले दिन कर्ज चुकाने का वचन देकर कैद से मुक्ति प्राप्त की।

शिकारी जंगल में शिकार के लिए निकला, लेकिन भूख और प्यास से अत्यंत परेशान था। जब रात का अंधेरा हुआ, तो उसने जंगल में ही रात बिताने का निर्णय लिया। वह तालाब के किनारे एक बेल के पेड़ पर चढ़कर रात बिताने लगा। बिल्व वृक्ष के नीचे एक शिवलिंग था, जो बिल्वपत्रों से ढका था, लेकिन शिकारी को इसका ज्ञान नहीं था। पड़ाव बनाने के दौरान टूटे टहनियों ने शिवलिंग को अनजाने में अर्पित कर दिया। इस प्रकार, शिकारी का व्रत पूरा हुआ और शिवलिंग पर बिल्वपत्र भी चढ़ गए।

रात के पहले पहर के बाद, एक गर्भवती हिरणी तालाब पर जल पीने आई। जैसे ही शिकारी ने तीर चलाने के लिए प्रत्यंचा खींची, हिरणी ने कहा, “मैं गर्भवती हूँ और जल्द ही बच्चे को जन्म देने वाली हूँ। तुम दो प्राणियों की हत्या करोगे, जो उचित नहीं है। मैं अपने बच्चे को जन्म देकर तुम्हारे सामने आ जाऊंगी।” शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और हिरणी गायब हो गई। प्रत्यंचा खींचने और ढीली करने के दौरान कुछ बिल्वपत्र शिवलिंग पर गिर गए। इस प्रकार, अनजाने में ही प्रथम प्रहर की पूजा भी संपन्न हो गई।

मासिक शिवरात्रि व्रत लाभ (Masik Shivratri Vrat Labh)

मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यहां कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  1. पापों से मुक्ति: मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  2. सुख-समृद्धि: इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
  5. भगवान शिव की कृपा: मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और वे भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करते हैं।
  6. संतान सुख: इस व्रत को रखने से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपतियों को संतान सुख प्राप्त होता है।
  7. मित्र और परिवार में प्रेम: मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से परिवार और मित्रों के बीच प्रेम और सद्भावना बढ़ती है।

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja Vidhi)

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि बहुत ही सरल है और भक्तजन इसे आसानी से कर सकते हैं। यहां पूजा विधि के प्रमुख चरण दिए गए हैं:

  1. स्नान और शुद्धि: प्रातःकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ करें।
  2. व्रत संकल्प: भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव को प्रणाम करें।
  3. दीपक और धूप: दीपक जलाएं और धूप का अर्पण करें। इससे पूजा स्थल का वातावरण पवित्र हो जाता है।
  4. भगवान शिव का अभिषेक: दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें साफ जल से स्नान कराएं।
  5. पंचामृत अर्पण: भगवान शिव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण) अर्पण करें।
  6. फूल और बिल्वपत्र अर्पण: भगवान शिव को ताजे फूल और बिल्वपत्र अर्पण करें। भगवान शिव को बिल्वपत्र विशेष प्रिय होते हैं।
  7. मंत्र जाप: भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र”।
  8. आरती: भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद अर्पण करें। प्रसाद के रूप में फल, मिठाई और अन्य पूजन सामग्री अर्पण कर सकते हैं।
  9. व्रत का पालन: पूरे दिन व्रत का पालन करें और संभव हो तो उपवास करें। अगर उपवास नहीं कर सकते तो फलाहार करें।

मासिक शिवरात्रि विशेष उपाय (Masik Shivratri Upay)

मासिक शिवरात्रि के दिन कुछ विशेष उपाय करके भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:

  1. दूध का दान: इस दिन गाय के दूध का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  2. जल का अभिषेक: शिवलिंग पर जल का अभिषेक करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों का निवारण करते हैं।
  3. रुद्राक्ष धारण: इस दिन रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।
  4. मंत्र जाप: इस दिन भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के सभी रोगों का नाश होता है और उसे लंबी आयु प्राप्त होती है।
  5. भस्म का तिलक: इस दिन भस्म का तिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा भगवान शिव की आराधना का विशेष पर्व है। इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। पापों से मुक्ति, सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य लाभ, आध्यात्मिक उन्नति और भगवान शिव की कृपा प्राप्ति जैसे लाभ इस व्रत के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं। मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि सरल है और भक्तजन इसे आसानी से कर सकते हैं।

आइए, इस जनवरी 2025 की पहली मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाएं।

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