प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। वर्ष 2025 में यह व्रत 10 मार्च को मनाया जाएगा। धार्मिक शास्त्रों में इस एकादशी को विशेष महत्व प्रदान किया गया है। इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसके कारण इसे आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
आमलकी एकादशी क्यों मनाई जाती है? (Amalaki Ekadashi Kyu Manate Hai)
सनातन धर्म में आमलकी एकादशी को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन आंवले के पेड़ की विशेष रूप से पूजा की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने अपनी उत्पत्ति का रहस्य जानने की इच्छा से भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए घोर तप किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर श्री हरि विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए। भगवान विष्णु के दर्शन से ब्रह्मा जी इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू टपक पड़े। इन आंसुओं से आंवले के पेड़ की उत्पत्ति हुई। श्री विष्णु ने आंवले के वृक्ष को अपना वास स्थान बताया और इसे पूजनीय घोषित किया। तभी से आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाने लगा और आंवले के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा का प्रचलन शुरू हुआ।
आमलकी एकादशी 2025 तिथि (Amalaki Ekadashi 2025 Date and Time)
आमलकी एकादशी – 10 मार्च
एकादशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 09, 2025 को 07:45 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – मार्च 10, 2025 को 07:44 ए एम बजे
आमलकी एकादशी पूजा विधि (Amalaki Ekadashi Puja Vidhi)
आमलकी एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करें। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करके एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। भगवान को धूप-दीप दिखाकर उनकी पूजा आरंभ करें और आमलकी एकादशी की कथा का पाठ करें। इस दिन विष्णु भगवान को आंवले का भोग अर्पित करना चाहिए। फिर आंवले के पेड़ के नीचे एक कलश रखकर दीप जलाएं और विधि-विधान से वृक्ष की पूजा करें। अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
आमलकी एकादशी का महत्व (Amalaki Ekadashi Mahatva)
आमलकी एकादशी को आंवला एकादशी के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवले के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है। जो साधक विधिपूर्वक आंवले के वृक्ष की पूजा करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
आमलकी एकादशी पर करें आंवले के उपाय (Amalaki Ekadashi Upay)
प्रेम विवाह और वैवाहिक जीवन में शांति के लिए:
अगर आपके प्रेम या वैवाहिक जीवन में तनाव चल रहा है, तो आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ पर मौली बांधें और विष्णु जी के मंत्र ॐ नमोः नारायणाय नमः या ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करें। इसके बाद आंवले के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और दीपक प्रज्वलित करें। इससे वैवाहिक समस्याएं दूर होंगी और जीवन में शांति आएगी।
गृहक्लेश से छुटकारा और घर में शांति के लिए:
यदि आपके घर में लगातार समस्याएं बनी रहती हैं या परिवार के सदस्यों के बीच तनाव रहता है, तो आमलकी एकादशी पर आंवले से जुड़ा एक उपाय करें। इस दिन आंवले को एक लोटे जल में डुबोकर रखें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का सात बार जाप करें। इसके बाद इस जल को पूरे घर में छिड़कें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है और कलेश समाप्त हो जाते हैं।
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