सनातन धर्म में किसी खास तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन महाकुंभ के शाही स्नान की तिथियों पर स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है। इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, और साधु-संत इसके लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मान्यता है कि महाकुंभ से शुभ चीजें घर लाने से परिवार में सुख-शांति और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
अगर आप महाकुंभ जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इस आर्टिकल में बताई गई चीजों को घर जरूर लेकर आएं। इन चीजों को घर लाने से आपका जीवन समृद्ध होगा और सफलता के मार्ग खुलेंगे। यह आयोजन जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें भाग लेकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें।
ग्रह दोष से मुक्ति
पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था, तो अमृत कलश से प्रयागराज में कुछ बूंदें गिरी थीं। इस कारण प्रयागराज की मिट्टी को अत्यंत शुभ माना जाता है। महाकुंभ के दौरान इस मिट्टी को घर लाने से विशेष लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ की मिट्टी लाने से व्यक्ति को सभी ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है। यह पवित्र मिट्टी जीवन में सुख-समृद्धि लाने में सहायक होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इसलिए महा कुंभ के समय प्रयागराज की मिट्टी घर लाना अत्यंत शुभ होता है।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। महा कुंभ के दौरान संगम स्थल की मिट्टी को घर लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि पवित्र नदियों की मिट्टी से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इस मिट्टी को घर लाने से घर का वातावरण पवित्र और शुभ हो जाता है। महाकुंभ के स्नान के बाद संगम की मिट्टी अवश्य लेकर आएं, जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।
घर में रहेगी सुख-शांति
महाकुंभ से पूजा के फूलों को घर लाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि महाकुंभ की पूजा के फूलों को घर में रखने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में आने वाले दुख और संकट दूर होते हैं। ये पवित्र फूल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और घर का वातावरण शुद्ध एवं पवित्र बनाते हैं। महाकुंभ की इस पवित्रता को अपने घर लाकर, परिवार के सभी सदस्यों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
नकारात्मक ऊर्जा से मिलेगा छुटकारा
प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है, जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है। महाकुंभ 2025 के दौरान संगम घाट पर स्नान करने के बाद त्रिवेणी संगम का जल अवश्य लेकर आएं, क्योंकि इसमें गंगा, यमुना और सरस्वती का जल सम्मिलित होता है। माना जाता है कि त्रिवेणी संगम का जल घर में खुशियों का आगमन करता है और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है। इस जल से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसलिए महाकुंभ के पवित्र स्नान का जल अपने साथ लाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
महाकुंभ 2025 शाही स्नान तिथियां
तिथि | पर्व | शाही स्नान |
---|---|---|
13 जनवरी 2025 | पौष पूर्णिमा | शाही स्नान |
14 जनवरी 2025 | मकर संक्रांति | शाही स्नान |
29 जनवरी 2025 | मौनी अमावस्या | शाही स्नान |
03 फरवरी 2025 | वसंत पंचमी | शाही स्नान |
12 फरवरी 2025 | माघी पूर्णिमा | शाही स्नान |
26 फरवरी 2025 | महाशिवरात्रि | शाही स्नान |
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