Last Updated: 4th April 2025
Maa Kalratri Aarti Lyrics In Hindi: कालरात्रि माता दुर्गा के नौ रूपों में से सातवां रूप हैं। नवरात्रि के सातवें दिन उनकी पूजा की जाती है। देवी कालरात्रि का रूप बहुत ही भयानक और शक्तिशाली है, लेकिन वे अपने भक्तों को हमेशा शुभ फल प्रदान करती हैं। उनके नाम से “काल” का तात्पर्य समय या मृत्यु से है, और “रात्रि” का अर्थ है रात। उनका यह रूप समय की पराजय करने वाली शक्ति का प्रतीक है। देवी कालरात्रि का शरीर काला है, उनकी तीन आंखें हैं जो आकाश के समान विशाल हैं, और उनका वाहन गधा है। उनके हाथों में खड्ग और वज्र हैं, जो बुरी शक्तियों का नाश करते हैं।

कालरात्रि माता की आरती (Maa Kalratri Aarti Lyrics In Hindi)
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि माँ तेरी जय ॥
कालरात्रि माता का महत्व (Kalratri Mata Aarti Ka Mahatva)
कालरात्रि माता का पूजन विशेष रूप से भय, बाधाएं, और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए किया जाता है। वे सभी प्रकार की बुरी शक्तियों, भूत-प्रेत, और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करती हैं और अपने भक्तों को जीवन की हर कठिनाई से मुक्ति दिलाती हैं। ऐसा माना जाता है कि कालरात्रि माता की कृपा से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता और उसे जीवन में साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
माँ कालरात्रि की पूजा से मनुष्य के सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं और वह जीवन में निर्भय होकर अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर होता है। विशेष रूप से जो लोग अंधकार और निराशा से घिरे होते हैं, वे कालरात्रि माता की उपासना करते हैं ताकि उन्हें जीवन में प्रकाश और नई दिशा मिल सके। उनकी पूजा करने से सभी नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है और साधक को भौतिक और आध्यात्मिक सफलता मिलती है।
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निष्कर्ष
कालरात्रि माता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और संकटों का अंत होता है। उनकी आराधना से भक्त को आत्मिक बल मिलता है और वह अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। कालरात्रि माँ अपने भक्तों के सभी प्रकार के भय, शत्रु और विपत्तियों का नाश करती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।
नवरात्रि के सातवें दिन उनकी पूजा कर साधक को अपने जीवन में नकारात्मकताओं से मुक्ति और सकारात्मकता का संचार मिलता है। देवी कालरात्रि की कृपा से भक्त का जीवन शांतिपूर्ण, समृद्ध और भयमुक्त हो जाता है।
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