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Karwa Chauth Puja Samagri:करवा चौथ व्रत की सामग्री, जानें क्या-क्या रखें पूजा की थाली में

करवा चौथ का पर्व हर विवाहित स्त्री के लिए विशेष होता है। यह दिन उनकी आस्था, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है। करवा चौथ व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस दिन की पूजा-विधि और पूजा सामग्री का भी बहुत महत्व होता है। यदि पूजा सामग्री में कोई कमी रह जाए तो पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि करवा चौथ की पूजा सामग्री पूरी तरह से तैयार हो और किसी भी महत्वपूर्ण वस्तु की कमी न हो।इस लेख में हम आपको करवा चौथ व्रत की पूरी पूजा सामग्री की जानकारी देंगे ताकि आप पूजा की तैयारी अच्छे से कर सकें और पूजा विधि में कोई चूक न हो।

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Karwa Chauth Puja Samagri

करवा चौथ व्रत का महत्व

करवा चौथ का व्रत हिंदू विवाहित स्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन वे निर्जल और निराहार रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह व्रत खासकर उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, और दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाता है। करवा चौथ के दिन महिलाएं सुहागिनों की तरह सजती-संवरती हैं और रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद अपने व्रत का पारण करती हैं।

करवा चौथ की पूजा सामग्री की लिस्ट

करवा माता और गणेशजी की तस्वीर या मूर्ति, गाय का घी, रोली, कुमकुम
करवा माता की चुनरी, नए वस्‍त्र, गणेशजी और शंकरजी के नए वस्त्र
मिट्टी का करवा, एक ढक्कन, एक थाली, पिसी शक्कर या बूरा, शहद
चांद देखने के लिए छलनी, लकड़ी की चौकी
सोलह श्रृंगार की समाग्री, कलश, दीपक, रूई की बाती
कपूर, अगरबत्ती, गेहूं, लहुआ, 8 पूड़ियों की अठावरी
अक्षत्, हल्दी, चंदन, फूल, पान का पत्ता, कच्चा दूध, दही
मौली या कलावा, मिठाई, लोटा या गिलास, दक्षिणा के लिए रुपये
करवा चौथ व्रत कथा और आरती की एक पुस्तक

करवा चौथ की पूजा विधि

पूजा की सामग्री की पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद, आइए जानते हैं करवा चौथ की पूजा विधि:

  1. स्नान और शुद्धिकरण: सुबह स्नान करने के बाद महिलाएं अपने घर को गंगाजल से शुद्ध करती हैं। पूजा स्थल को सजाया जाता है और करवा, दीया, फल, मिठाई आदि सामग्री थाली में सजाई जाती है।
  2. शिव-पार्वती की पूजा: करवा चौथ की पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती, और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। महिलाएं कथा सुनती हैं और करवा के माध्यम से जल अर्पित करती हैं।
  3. करवा चौथ की कथा: पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनाई जाती है। यह कथा व्रत की पवित्रता और महत्व को दर्शाती है।
  4. चंद्रमा दर्शन और व्रत का पारण: रात में चंद्रमा के उदय होने पर महिलाएं छलनी के माध्यम से चंद्रमा और अपने पति को देखती हैं। इसके बाद वे पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करती हैं।

निष्कर्ष

करवा चौथ व्रत विवाहित स्त्रियों के जीवन में प्रेम, आस्था और समर्पण का प्रतीक है। इस व्रत की पूजा सामग्री का विशेष महत्व है, और इसे सही से तैयार करना आवश्यक है ताकि पूजा की विधि में कोई कमी न रह जाए। इस लेख में दी गई करवा चौथ की पूजा सामग्री की विस्तृत लिस्ट के अनुसार, आप अपनी थाली को अच्छे से सजा सकते हैं और पूरे विधि-विधान के साथ करवा चौथ का व्रत पूर्ण कर सकते हैं।

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