Last Updated: 21 May 2025
Kartik Ganga Snan 2025 Date:सनातन धर्म के अनुयायी हर महीने की अपनी विशिष्टता मानते हैं, लेकिन कार्तिक माह का विशेष महत्व है। यह माह भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दौरान होने वाले त्योहार और विशेष तिथियां भक्तों के लिए अति शुभ मानी जाती हैं। विशेषकर, इस माह के दौरान गंगा स्नान और दान का बहुत महत्व है, जिससे पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कार्तिक माह और इसका धार्मिक महत्व (Kartik Maas Mahatva)
कार्तिक माह हिन्दू पंचांग का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण महीना है। यह माह विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित होता है। कार्तिक माह में होने वाली विशेष तिथियां और त्यौहार भक्तों के लिए एक अत्यधिक अवसर होते हैं, जब वे अपने पापों को धोकर पुण्य अर्जित कर सकते हैं। इस माह में विशेषकर गंगा स्नान और दान का महत्व बढ़ जाता है।
गंगा स्नान का महत्व (Kartik Snan Mahatva)
गंगा स्नान करने की परंपरा हिंदू धर्म में बहुत पुरानी है। माना जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। खासतौर पर, कार्तिक माह के दौरान गंगा स्नान का महत्व और भी बढ़ जाता है। गंगा स्नान के बारे में धार्मिक मान्यता यह है कि यह शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है, और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
साल 2025 में गंगा स्नान का मुहूर्त (Kartik Purnima 2025 Date)
कार्तिक पूर्णिमा व्रत 2025: जानिए तिथि और समय
वर्ष 2025 में कार्तिक पूर्णिमा का पावन व्रत 5 नवम्बर, बुधवार को रखा जाएगा। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूर्णिमा तिथि का समापन: 5 नवम्बर 2025 को सायं 6:48 बजे तक
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 4 नवम्बर 2025 को रात्रि 10:36 बजे से
गंगा स्नान न कर पाने की स्थिति में क्या करें?
यदि किसी कारणवश आप गंगा स्नान के लिए पवित्र नदी तक नहीं जा पा रहे हैं, तो भी आप घर पर ही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त में एक बाल्टी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालें और उसी से स्नान करें। स्नान के बाद, सूर्य देव को जल अर्पित करें और तुलसी माता की पूजा करें। इस विधि से भी गंगा स्नान का पुण्य मिलता है।
कार्तिक माह का समय विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होता है। गंगा स्नान, दान और पूजा से न केवल आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता है। इस अवसर पर विशेष रूप से जो लोग गंगा स्नान करने के योग्य हैं, उन्हें इस मुहूर्त का लाभ उठाना चाहिए, जबकि अन्य लोग घर पर भी गंगाजल से स्नान करके पुण्य कमा सकते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व: क्यों मनाई जाती है यह शुभ तिथि?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। इस विजय की खुशी में सभी देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया, जिसे आज देव दीपावली के रूप में जाना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना, दान-पुण्य करना और भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। ऐसा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति और ईश कृपा की प्राप्ति होती है।
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