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Kanya Puja 2024 :चैत्र नवरात्रि 2024 में कन्या पूजन किस दिन करें ? जाने तिथि और कन्या पूजन के लाभ

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है, जो नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान भक्त माँ दुर्गा की नौ शक्तियों का पूजन, उपवास और मंत्र जप कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले कई अनुष्ठानों में से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है – कन्या पूजन।

Kanya Puja 2024

कन्या पूजन का धार्मिक महत्व (Kanya Pujan 2024 Mahatva)

कन्या पूजन का उल्लेख हमें कई हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है, जिनमें स्कंद पुराण प्रमुख है। स्कंद पुराण के अनुसार, कन्या पूजन करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, ग्रह दोषों का शमन और मनोवांछित फल प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में 9 साल की कन्याओं को देवी दुर्गा का शुद्ध और पवित्र स्वरूप माना जाता है। इन कन्याओं की पूजा करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

चैत्र नवरात्रि 2024 में कन्या पूजन किस दिन करें? (Kanya Pujan 2024 Kab Hai/Kanya Pujan 2024 Date)

कन्या पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है, दोनों ही तिथियों में कन्या पूजन किया जा सकता है। 16 अप्रैल 2024 को सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है।

कन्या पूजन की विधि (Kanya Pujan 2024 Vidhi)

कन्या पूजन का अनुष्ठान आमतौर पर नवरात्रि के अष्टमी या नवमी तिथि को किया जाता है। इस दिन 9 साल की 9 कन्याओं को घर पर आमंत्रित किया जाता है। कन्याओं को स्नान कराकर, उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाकर और उनके माथे पर तिलक लगाकर पूजा की जाती है। पूजा के बाद कन्याओं को भोजन कराया जाता है, उन्हें दक्षिणा दी जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है।

कन्या पूजन के लाभ (Kanya Pujan 2024 Laabh)

कन्या पूजन करने के अनेक लाभ बताए गए हैं, जिनका वर्णन हम इस प्रकार कर सकते हैं:

  • पापों से मुक्ति: ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • ग्रह दोषों का शमन: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कन्या पूजन से ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति को ग्रहों से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
  • मनोकामनाओं की पूर्ति: कन्या पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं, चाहे वह संतान प्राप्ति हो, सफलता हो या सुखी वैवाहिक जीवन, देवी दुर्गा की कृपा से पूरी हो सकती हैं।
  • सुख-समृद्धि में वृद्धि: कन्या पूजन से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में कलह-क्लेश दूर होकर खुशियां बनी रहती हैं।
  • संतान प्राप्ति का वरदान: जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति में परेशानी हो रही है, उनके लिए कन्या पूजन करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। देवी दुर्गा की कृपा से उन्हें संतान सुख प्राप्त हो सकता है।
  • रोगों से मुक्ति: कन्या पूजन से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

कन्या पूजन से जुड़ी सामाजिक मान्यताएं (Kanya Pujan 2024 Manyaata)

कन्या पूजन का धार्मिक महत्व तो सर्वविदित है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ सामाजिक मान्यताएं भी प्रचलित हैं। माना जाता है कि कन्या पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कन्याओं को भोजन कराना और दान देना पुण्य का कार्य माना जाता है। इससे समाज में दान-धर्म की भावना भी बढ़ती है। गरीब और असहाय कन्याओं की सहायता करने का संदेश भी कन्या पूजन से जुड़ा हुआ है।

कन्या पूजन की तैयारी कैसे करें? (Kanya Pujan Kaise Kare)

यदि आप इस नवरात्रि कन्या पूजन करना चाहते हैं, तो इसकी तैयारी पहले से ही शुरू कर दें।

  • कन्याओं का चयन : आप अपने आस-पड़ोस की 9 साल की 9 कन्याओं को आमंत्रित कर सकते हैं। ध्यान रखें कि कन्याएं स्वस्थ और प्रसन्नचित्त हों। गरीब या असहाय परिवार की कन्याओं को पूजन में शामिल करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • पूजा सामग्री: कन्या पूजन के लिए कुछ विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है। इसमें कलश, आम के पत्ते, दीपक, अगरबत्ती, गंगाजल, सिंदूर, हल्दी, कुमकुम, कलावा, चुनरी, बिंदी, मिठाई ( हलवा, पूड़ी, चने), फल और दक्षिणा के लिए लिफाफे शामिल हैं।
  • पूजा स्थल की साफ-सफाई: पूजा वाले दिन सबसे पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई करें। आप पूजा स्थल को रंगोली से सजा सकते हैं और आसन बिछा सकते हैं।

कन्या पूजन का विधि विधान (Kanya Pujan Vidhaan)

पूजा के दिन शुभ मुहूर्त में कन्याओं को घर पर आमंत्रित करें। उनके आने पर उनका मुस्कुराहट के साथ स्वागत करें।

  • कन्याओं का आसन ग्रहण: सबसे पहले कन्याओं को आसन पर बिठाएं। उनके पैर धोकर उनका तिलक लगाएं और कलावा बांधें।
  • कन्या पूजन: कलश की स्थापना कर माँ दुर्गा का ध्यान करें। इसके बाद हर कन्या का पूजन करें। उनको हल्दी और कुमकुम का टीका लगाएं और पुष्प अर्पित करें।
  • कन्या भोजन: कन्याओं को भोजन कराएं। भोजन में पूड़ी, चने, हलवा, खीर आदि का भोग लगाएं। भोजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा दें और उनका आशीर्वाद लें।
  • आरती और विदाई: अंत में कन्याओं की आरती करें और उन्हें विदा करते समय उपहार, जैसे कपड़े, मिठाई आदि दें।

ध्यान दें: उपरोक्त विधि एक सामान्य मार्गदर्शिका है। क्षेत्र या परिवार के अनुसार कन्या पूजन की विधि में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है। आप किसी विद्वान या पुजारी से सलाह लेकर विधि को और अधिक विस्तृत रूप से जान सकते हैं।

कन्या पूजन के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

कन्या पूजन एक पवित्र अनुष्ठान है। इसे करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है:

  • कन्या पूजन के दौरान पवित्रता का ध्यान रखें। पूजा स्थल और पूजा सामग्री साफ-सुथरी होनी चाहिए।
  • कन्याओं के साथ आदर और सम्मान का व्यवहार करें।
  • भोजन और दक्षिणा देते समय कंजूसी ना करें। अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दें।
  • पूजा के दौरान सकारात्मक भाव रखें और मन को एकाग्र करें।

कन्या पूजन न केवल देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि दान-धर्म और समाजसेवा की भावना को भी बढ़ावा देता है। उम्मीद है कि यह लेख आपको कन्या पूजन को करने के लिए प्रेरित करेगा और आप इस नवरात्रि कन्या पूजन करके सुख-समृद्धि प्राप्त करेंगे।

उपसंहार

नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर है। कन्या पूजन इस पर्व का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। माना जाता है कि कन्या पूजन से व्यक्ति को शांति, सुख-समृद्धि, और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। हालाँकि, कन्या पूजन सिर्फ फल प्राप्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह दान-धर्म और समाजसेवा की भावना को भी बढ़ावा देता है। इस नवरात्रि आप भी कन्या पूजन करके धर्म लाभ के साथ-साथ समाज सेवा का पुण्य कर्म कर सकते हैं।

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