मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है, जिसे कालाष्टमी भी कहा जाता है। इस वर्ष यह शुभ तिथि 22 नवंबर 2024 को पड़ रही है। काल भैरव भगवान शिव का रौद्र स्वरूप हैं। उनकी पूजा-अर्चना करने से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि काल भैरव को प्रसन्न करना सरल है, और ज्योतिष शास्त्र में इस दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। इन उपायों से न केवल काल भैरव का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि जीवन की समस्याओं का समाधान भी होता है। आइए जानते हैं काल भैरव जयंती पर किए जाने वाले इन उपायों के बारे में।
काल भैरव जयंती का महत्व
काल भैरव जयंती का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। भगवान शिव के इस स्वरूप की पूजा से भय, बाधाओं और नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है। यह दिन तंत्र साधना और ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए आदर्श माना जाता है। काल भैरव की आराधना से कोर्ट-कचहरी, शत्रु बाधा और अन्य कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
काल भैरव जयंती के उपाय
1. भैरव बाबा के मंदिर में पूजा और प्रसाद अर्पित करें
भैरव जयंती के दिन भैरव बाबा के मंदिर जाकर पूजा करें। पूजा के दौरान एक शराब की बोतल भैरव बाबा को प्रसाद स्वरूप अर्पित करें। इस बोतल को मंदिर के कर्मचारी को दे दें। यह उपाय जीवन की समस्याओं को दूर करता है और भैरव बाबा का आशीर्वाद प्रदान करता है।
2. कुत्ते को रोटी खिलाने का उपाय
इस दिन अपनी तर्जनी (अंगूठे के पास वाली उंगली) और मध्यमा उंगली (बीच वाली उंगली) को तेल में डुबोएं और रोटी पर एक रेखा खींचें। यह रोटी किसी दो रंग के कुत्ते को खिलाएं। यदि कुत्ता रोटी खा लेता है, तो यह संकेत है कि काल भैरव आप पर प्रसन्न हैं। यदि कुत्ता रोटी नहीं खाता, तो इस उपाय को प्रतिदिन करते रहें।
3. पकौड़े का प्रसाद कुत्ते को खिलाएं
भैरव जयंती की रात सरसों के तेल में उड़द दाल के पकौड़े बनाएं। फिर बिना किसी को बताए घर से बाहर निकलें और रास्ते में मिलने वाले पहले कुत्ते को पकौड़े खिला दें। ध्यान दें, पकौड़े खिलाने के बाद कुत्ते को पलटकर न देखें। यह उपाय ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ाता है और नौकरी-व्यवसाय में उन्नति लाता है।
4. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन वितरित करें
काल भैरव जयंती पर सरसों के तेल में पुए, पापड़ और पकौड़े तलें। इन्हें गरीब और जरूरतमंद लोगों को वितरित करें। यह उपाय भैरव बाबा को प्रसन्न करता है। इसके परिणामस्वरूप सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है और धन के साधनों में वृद्धि होती है।
5. मंत्र जप का लाभ
भैरव जयंती की रात 12 बजे मंत्रों का जप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इन मंत्रों के जप से तांत्रिक प्रभाव, जादू-टोना और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। साथ ही जीवन की सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
भैरव मंत्र:
ॐ श्री बम् बटुक भैरवाय नमः।
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं।
नकारात्मक प्रभावों को दूर करने और जीवन में सफलता पाने के लिए इन मंत्रों का नियमित रूप से जप करें।
6. कोर्ट-कचहरी से मुक्ति का उपाय
कोर्ट-कचहरी की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए “ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:” मंत्र का 11 माला जप करें। इस उपाय से कानूनी मामलों में सफलता मिलती है और जीवन में शांति आती है।
काल भैरव जयंती भगवान शिव के रौद्र स्वरूप की पूजा का विशेष अवसर है। इस दिन किए गए उपाय नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा और भय से छुटकारा दिलाते हैं। पूजा और मंत्र जप से ग्रहों का अशुभ प्रभाव समाप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
यदि आप जीवन में समस्याओं से परेशान हैं, तो इस दिन भैरव बाबा की पूजा-अर्चना अवश्य करें। उनका आशीर्वाद आपके जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा और आपको हर प्रकार की बाधा से मुक्ति दिलाएगा।
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