Last Updated: 07 September 2025
Jivitputrika Vrat 2025 : महापर्व छठ के पश्चात जितिया व्रत को सबसे कठिन और महत्वपूर्ण व्रतों में गिना जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण के समय से ही इस व्रत का पालन किया जा रहा है।
Jivitputrika Vrat 2025 Kab Hai :छठ की भांति यह पर्व भी तीन दिनों तक बड़े श्रद्धा और नियमों के साथ मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जो महिलाएं इस व्रत का संकल्प लेती हैं, उन्हें अपनी संतान के वियोग का कष्ट कभी नहीं सहना पड़ता। वर्ष 2025 में यह शुभ व्रत किस दिन रखा जाएगा, इसकी तिथि अवश्य जान लें।

जितिया व्रत का महत्व
जितिया व्रत का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत गहरा महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। तीन दिनों तक चलने वाले इस व्रत में माताएं कठोर नियमों का पालन करती हैं। विशेष बात यह है कि व्रत के दूसरे दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और अन्न-जल का सेवन नहीं करतीं। यह न केवल तप और संयम का प्रतीक है बल्कि आत्मा की शुद्धि और मातृत्व की शक्ति का भी अद्भुत उदाहरण है। इस व्रत के पीछे मां की गहन आस्था और श्रद्धा अपने बच्चों के मंगलमय जीवन तथा सुरक्षा की कामना से जुड़ी होती है।
2025 में जितिया व्रत कब मनाया जाएगा? (Jitiya Vrat 2025 Me Kab Hai)
संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए किया जाने वाला जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत वर्ष 2025 में 14 सितंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में यह पर्व बड़े ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। व्रत की शुरुआत परंपरागत रूप से नहाय-खाय से होती है, इसके अगले दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और तीसरे दिन व्रत का पारण कर इसे पूर्ण करती हैं।
जीवित्पुत्रिका व्रत 2025 का शुभ मुहूर्त और तिथि (Jivitputrika Vrat 2025 Tithi)
- अष्टमी तिथि प्रारंभ – 14 सितंबर 2025, प्रातः 5:04 बजे से
- अष्टमी तिथि समाप्त – 15 सितंबर 2025, प्रातः 3:06 बजे तक
- नहाय-खाय – 13 सितंबर 2025
- जितिया व्रत – 14 सितंबर 2025
- व्रत पारण का समय – 15 सितंबर 2025, सुबह 6:10 से 8:32 बजे के बीच
जितिया व्रत 2025 पारण समय
वर्ष 2025 में जितिया व्रत का पारण 15 सितंबर 2025 को किया जाएगा। नवमी तिथि 15 सितंबर की सुबह 3:06 बजे आरंभ होगी और इस दिन प्रातः 6:10 बजे से 8:32 बजे के बीच व्रत का पारण करना शुभ माना गया है। यह पारण व्रती माताओं के लिए तपस्या पूर्ण करने और संतान के कल्याण का आशीर्वाद पाने का पावन क्षण होता है।
जितिया व्रत 2025 पारण विवरण
- व्रत की तिथि – 14 सितंबर 2025, रविवार
- पारण तिथि – 15 सितंबर 2025, सोमवार
- नवमी तिथि प्रारंभ – 15 सितंबर 2025, सुबह 3:06 बजे
- पारण का शुभ मुहूर्त – 15 सितंबर, सुबह 6:10 बजे से 8:32 बजे तक
जितिया व्रत विधि (Jitiya Vrat Vidhi)
जीवित्पुत्रिका व्रत में जीमूतवाहन, चील और सियारिन की पूजा तथा उनकी कथा का श्रवण अनिवार्य माना गया है, क्योंकि इनके बिना यह व्रत अधूरा रहता है। इस व्रत में सतपुतिया की सब्जी का विशेष महत्व बताया गया है। व्रत से एक दिन पूर्व महिलाएं मरुआ की रोटी और नोनी का साग ग्रहण करती हैं, जिसे इस उपवास की परंपरा का अहम हिस्सा माना जाता है। पूजा के समय सरसों का तेल और खल चढ़ाने की भी प्रथा है। व्रत के पूर्ण होने पर यही तेल बच्चों के सिर पर आशीर्वादस्वरूप लगाया जाता है, जिससे उनके स्वस्थ और दीर्घायु होने का आशीर्वाद मिलता है।
जितिया व्रत पूजा विधि (Jivitputrika Vrat Puja Vidhi)
जितिया व्रत के दिन प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद भगवान जीमूतवाहन की पूजा दीपक प्रज्वलित कर आरंभ करें और व्रत का संकल्प लें। इस दौरान जितिया व्रत कथा का पाठ करना तथा मंत्रों का जप करना अति आवश्यक है। पूजा के समय फल, मिठाई और अन्य शाकाहारी व्यंजन का भोग अर्पित कर भगवान से संतान की रक्षा, उनकी दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करें।
अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें और अंत में अपनी श्रद्धा के अनुसार दान-पुण्य करें। इस प्रकार विधिपूर्वक किया गया जितिया व्रत संतान की रक्षा और पारिवारिक सुख-समृद्धि का वरदान प्रदान करता है।
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FAQs
जीवित्पुत्रिका व्रत 2025 कब है?
जीवित्पुत्रिका व्रत वर्ष 2025 में 14 सितंबर, रविवार को रखा जाएगा।
जीवित्पुत्रिका व्रत 2025 का पारण का समय क्या है?
जीवित्पुत्रिका व्रत 2025 का पारण 15 सितंबर, सोमवार को होगा। शुभ समय सुबह 6:10 बजे से 8:32 बजे तक है।
जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों किया जाता है?
यह व्रत मुख्य रूप से संतान की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और उनके सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है।
जितिया व्रत किन राज्यों में सबसे अधिक लोकप्रिय है?
यह व्रत खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है।