Holi 2026 Date| होली 2026 में कब मनाई जाएगी| जाने होलिका दहन की तिथि और होली की तारीख

होली 2026: जैसे-जैसे वर्ष 2026 की शुरुआत नज़दीक आ रही है, लोगों के मन में नए साल और आने वाले पर्वों को लेकर विशेष उत्साह दिखाई देने लगा है। भारत में त्योहार केवल परंपराएं नहीं होते, बल्कि वे समाज को जोड़ने, प्रेम बढ़ाने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का माध्यम भी होते हैं। इन्हीं पर्वों में होली का स्थान सबसे विशेष माना जाता है। होली न केवल रंगों का उत्सव है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की विजय, प्रेम, भाईचारे और ऋतु परिवर्तन का भी प्रतीक है। वसंत ऋतु के आगमन के साथ यह पर्व जीवन में नई ऊर्जा और उमंग भर देता है।

होली
Holi 2026 Date

फाल्गुन माह और होली का धार्मिक महत्व

वैदिक पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 में फाल्गुन माह की शुरुआत 02 फरवरी से होगी। फाल्गुन मास को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और आनंददायक माना जाता है। इसी महीने में कई प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं, जिनमें होली सबसे अधिक लोकप्रिय है। फाल्गुन मास का वातावरण अपने आप में उल्लास से भरा होता है। प्रकृति में रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं, ठंड धीरे-धीरे विदा लेती है और वसंत की मधुरता चारों ओर फैल जाती है। यही कारण है कि होली को ऋतु परिवर्तन और नवजीवन का पर्व भी कहा जाता है।

होलिका दहन की पौराणिक कथा

होलिका दहन का पर्व गहरी पौराणिक आस्था से जुड़ा हुआ है। यह कथा भक्त प्रह्लाद और भगवान नरसिंह से संबंधित मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब अत्याचारी हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से रोकने का प्रयास किया, तब होलिका के माध्यम से उसे अग्नि में जलाने की योजना बनाई गई। किंतु ईश्वर की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका स्वयं भस्म हो गई। तभी से होलिका दहन को अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि सच्ची भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति सदैव सुरक्षित रहता है।

होलिका दहन 2026 की तिथि और शुभ मुहूर्त

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वैदिक पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 में होलिका दहन 03 मार्च को किया जाएगा। इस दिन होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सायं 06 बजकर 22 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में विधि-विधान के साथ होलिका दहन करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। मान्यता है कि सही मुहूर्त में किया गया होलिका दहन जीवन से नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।

होली 2026 की तिथि

पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 में रंगों का पर्व होली 04 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन देशभर में लोग बड़े हर्षोल्लास और आनंद के साथ होली का उत्सव मनाएंगे। सुबह से ही रंग-गुलाल उड़ने लगते हैं, ढोल-नगाड़ों की आवाज़ वातावरण को जीवंत बना देती है और लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर प्रेम और सौहार्द का संदेश देते हैं। होली के दिन पुराने गिले-शिकवे भुलाकर लोग गले मिलते हैं और आपसी संबंधों को नई शुरुआत देते हैं। घरों में पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं और परिवार तथा मित्रों के साथ मिलकर यह पर्व मनाया जाता है।

होलिका दहन और होली पर धार्मिक कर्मों का महत्व

होलिका दहन के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की आराधना का महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन श्रद्धा से पूजा करने से जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं और मन को शांति प्राप्त होती है। यह दिन दान-पुण्य के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। होलिका दहन के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और आर्थिक कठिनाइयों में कमी आती है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है।

होली केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यह त्योहार समाज में आपसी प्रेम, भाईचारे और समानता की भावना को मजबूत करता है। रंगों के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि सभी भेदभाव मिटाकर एक-दूसरे को अपनाया जाए। होली के दिन अमीर-गरीब, छोटे-बड़े का अंतर कम हो जाता है और सभी लोग एक साथ मिलकर आनंद मनाते हैं। यही कारण है कि होली को सबसे अधिक लोकप्रचलित पर्वों में गिना जाता है।

नजर दोष दूर करने से जुड़ी मान्यता

धार्मिक विश्वासों के अनुसार होलिका दहन की राख में विशेष शक्ति मानी जाती है। यदि कोई व्यक्ति नजर दोष या नकारात्मक ऊर्जा से परेशान रहता है, तो होलिका दहन की राख से संबंधित उपाय लाभकारी माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस राख के माध्यम से की गई प्रक्रिया से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। यह विश्वास लोगों को मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

होलिका दहन और होली 2026 न केवल एक पर्व, बल्कि आस्था, परंपरा और आनंद का संगम हैं। यह समय आत्मचिंतन, नकारात्मकता के त्याग और प्रेम व सद्भाव को अपनाने का संदेश देता है। सही तिथि और शुभ मुहूर्त में मनाया गया यह पर्व जीवन में सुख, शांति और उल्लास भर देता है। होली हमें यह सिखाती है कि रंगों की तरह जीवन भी तभी सुंदर लगता है, जब उसमें प्रेम, अपनापन और सकारात्मक सोच के सभी रंग शामिल हों।

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