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Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज व्रत कब है, जाने तिथि शुभ मुहूर्त पूजा विधि और व्रत कथा

हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। हरियाली तीज प्रेम, विश्वास, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से व्रत रखती हैं. आइए अगस्त 2024 में हरियाली तीज के बारे में विस्तार से जानें।

Hariyali Teej 2024

अगस्त 2024 में हरियाली तीज कब है? (Hariyali Teej 2024 Date)

अगस्त 2024 में हरियाली तीज का पर्व 7 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा।

हरियाली तीज की तिथि और शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2024 Tithi)

  • तृतीया तिथि प्रारंभ: 22 अगस्त 2024, गुरुवार, सुबह 6:02 बजे
  • तृतीया तिथि समाप्त: 23 अगस्त 2024, शुक्रवार, सुबह 4:28 बजे
  • अभूषण श्रृंगार मुहूर्त: सुबह 6:30 बजे से 8:00 बजे तक (व्रत रखने वाली महिलाएं इस दौरान श्रृंगार कर सकती हैं)
  • व्रत का पारण: 23 अगस्त 2024, शुक्रवार, शाम 6:33 बजे से 8:30 बजे तक

हरियाली तीज की पूजा विधि (Hariyali Teej 2024 Puja Vidhi)

हरियाली तीज की पूजा विधि इस प्रकार है:

  1. पूर्व तैयारियां: हरियाली तीज के व्रत से एक दिन पहले घर की साफ-सफाई करें और पूजा स्थल को सजाएं।
  2. स्नान और व्रत संकल्प: व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  3. पूजा स्थल की स्थापना: एक चौकी या आसन बिछाएं और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  4. आसन और पूजन सामग्री: आसन के सामने कलश स्थापित करें और उसमें गंगाजल भरकर आम या मौसमी के पत्ते से ढक दें। इसके बाद कलश पर मौली बांधें और रोली और चावल से तिलक करें। पूजा की थाली में गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फल, फूल, बेलपत्र, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, दीप और सिंदूर रखें।
  5. आवाहन और स्नान: भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए उनका आवाहन करें। इसके बाद उन्हें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शकर) से स्नान कराएं।
  6. वस्त्र और आभूषण अर्पण: भगवान शिव और माता पार्वती को वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
  7. अंतर-पूजन: धूप, दीप जलाएं और भगवान शिव और माता पार्वती को फल, फूल और बेलपत्र अर्पित करें। इसके बाद भोग लगाएं और उनकी आरती उतारें।
  8. मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ पार्वत्यै नमः” मंत्रों का जाप करें।
  9. कथा वाचन: हरियाली तीज की कथा सुनें।
  10. व्रत का पालन: पूरे दिन निर्जला व्रत रखें या साकेत व्रत रखें। निर्जला व्रत में पानी भी ग्रहण नहीं किया जाता है, जबकि साकेत व्रत में एक समय फल खाए जा सकते हैं।
  11. शाम की आरती और पारण: शाम को शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारें। इसके बाद व्रत का पारण करें। पारण के समय सबसे पहले घूंट भरकर शहद का सेवन करें, उसके बाद फल और जल ग्रहण करें।

हरियाली तीज की व्रत कथाएं (Hariyali Teej Katha)

हरियाली तीज से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से दो प्रमुख कथाएं इस प्रकार हैं:

पहली कथा:

पहली कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। माता पार्वती ने कई जन्मों तक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन साधना की। उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। पार्वती के रूप में जन्म लेकर भी माता पार्वती ने शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की। अंततः सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान शिव ने माता पार्वती को स्वीकार कर लिया और उनसे विवाह हुआ।

दूसरी कथा:

दूसरी कथा राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी है। राजा हरिश्चंद्र सत्यवादी और धर्मपरायण राजा थे। उनकी परीक्षा लेने के लिए देवराज इंद्र ने उन पर माया का जाल डाला। राजा हरिश्चंद्र ने सत्य का पालन करने के लिए अपना राज्य, धन-संपत्ति और यहां तक कि अपनी पत्नी रानी शैब्या और पुत्र रोहिताश को भी त्याग दिया था। राजा हरिश्चंद्र को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उनकी पत्नी रानी शैब्या को दासी के रूप में बेचा गया था। इस दौरान माता पार्वती रानी शैब्या की सहायता के लिए दासी के रूप में आईं। रानी शैब्या के आग्रह पर माता पार्वती ने राजा हरिश्चंद्र को उनके सभी पापों से मुक्ति दिलाई और उनका खोया हुआ सब कुछ वापस दिलाया।

हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej Mahtava)

हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुखी वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति की कामना करती हैं। हरियाली तीज प्रेम, विश्वास, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं, गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं। हरियाली तीज का त्योहार प्रकृति के सौंदर्य और मानसून के आगमन का भी प्रतीक है।

हरियाली तीज के समय किए जाने वाले कुछ खास कार्य

  • मेहंदी लगाना: हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं अपने हाथों और पैरों में खूबसूरत मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी का गहरा रंग सुहाग का प्रतीक माना जाता है।
  • झूला झूलना: हरियाली तीज के दिन सजावटी झूलों को सजाया जाता है और महिलाएं इन झूलों पर झूलती हैं। यह खुशी और उत्सव का प्रतीक है।
  • गीत और नृत्य: हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं लोकगीत गाती हैं और पारंपरिक नृत्य करती हैं। यह खुशी और उत्सव का वातावरण बनाता है।
  • उपहारों का आदान-प्रदान: कुछ क्षेत्रों में हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं एक-दूसरे को उपहार देती हैं। ये उपहार आमतौर पर मिठाई, कपड़े, या श्रृंगार की सामग्री हो सकती हैं।
  • सामुदायिक भोज: कुछ क्षेत्रों में हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं सामूहिक रूप से भोजन करती हैं। यह सामुदायिक भावना और एकजुटता को बढ़ावा देता है।

हरियाली तीज से जुड़ी सावधानियां

  • व्रत की कठिनाई: हरियाली तीज का व्रत निर्जला या साकेत रूप में रखा जा सकता है। निर्जला व्रत कठिन होता है। यदि आप पहली बार व्रत रख रही हैं या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, तो साकेत व्रत रखना उचित रहेगा। व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
  • गर्भवती महिलाएं और बीमार महिलाएं: गर्भवती महिलाओं और बीमार महिलाओं को व्रत रखने से बचना चाहिए।
  • पर्यावरण संरक्षण: हरियाली तीज प्रकृति से जुड़ा हुआ त्योहार है। इस दिन पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना चाहिए। पूजा में प्लास्टिक की सामग्री का उपयोग न करें और प्रकृति का सम्मान करें।

उपसंहार

हरियाली तीज का त्योहार प्रेम, विश्वास, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रकृति के सौंदर्य और मानसून के आगमन का भी प्रतीक है। हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा धारण कर पूजा-अर्चना करती हैं, गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं। यह त्योहार सामुदायिक सद्भाव और खुशी का वातावरण बनाता है। इस लेख में हमने हरियाली तीज 2024 की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा, महत्व और मनाने के तरीकों के बारे में विस्तार से जाना। उम्मीद है कि यह लेख आपको आगामी हरियाली तीज के त्योहार को धूमधाम से मनाने में सहायक होगा।

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