You are currently viewing Durga Ji Ki Aarti: दुर्गा जी की आरती ॐ जय अम्बे गौरी…

Durga Ji Ki Aarti: दुर्गा जी की आरती ॐ जय अम्बे गौरी…

Durga Ji Ki Aarti: दुर्गा जी, जिन्हें ‘महाशक्ति’ और ‘माँ दुर्गा‘ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे शक्ति, साहस, और रक्षा की देवी मानी जाती हैं। माँ दुर्गा की आराधना नवरात्रि, दुर्गाष्टमी और अन्य विशेष अवसरों पर की जाती है। दुर्गा जी की आरती(Durga Ji Ki Aarti) भक्तों द्वारा उनके आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने के लिए गाई जाती है। इस लेख में, हम दुर्गा जी की आरती, उसके महत्व और उसके धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Durga Ji Ki Photo | Festivalhindu.com
Durga Ji Ki Photo

दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti in Hindi) – जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

माँग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोऊ नैना, चन्द्रबदन नीको॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे।
रक्त पुष्प गलमाला, कंठन पर साजे॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर-मुनि जन सेवत, तिनके संकट हारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

शुम्भ-निशुम्भ बिधारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मद माती॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, रक्तबीज संहारा।
महिषासुर निर्मूला, बजी रणक धारा॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

ब्रहमाणी रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

चौसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भवानी।
ह्रदय से ह्रदय से हम पुकारे, योगमाया भवानी॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भर्ता।
भक्तन की दुःख हर्ता, सुख संपति कर्ता॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे॥

ॐ जय अम्बे गौरी॥

ॐ जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी ॥

दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) का महत्व

दुर्गा जी की आरती का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसका नियमित गायन भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उन्हें शांति, सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करता है। आरती के माध्यम से माँ दुर्गा की महिमा का गुणगान किया जाता है और उनकी कृपा प्राप्त की जाती है। यह आरती भक्ति और श्रद्धा के साथ गाई जाती है, जो भक्तों के मन को शांति और संतोष प्रदान करती है।

  1. भक्ति और श्रद्धा की अभिव्यक्ति: आरती का गायन माँ दुर्गा के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करने का एक साधन है। यह माँ के प्रति समर्पण और प्रेम को व्यक्त करने का एक तरीका है।
  2. सकारात्मक ऊर्जा का संचार: दुर्गा जी की आरती का नियमित रूप से गायन करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह मन और आत्मा को शुद्ध करता है और दैनिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।
  3. सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व: आरती का गायन एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा है। यह परिवार और समुदाय के लोगों को एक साथ लाता है और एकता का संदेश देता है।
  4. आध्यात्मिक लाभ: दुर्गा जी की आरती का गायन करने से व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है। यह आत्मा को शांति और संतुलन प्रदान करता है।

दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) का सांस्कृतिक महत्व

दुर्गा जी की आरती का सांस्कृतिक महत्व भी है। यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न अंग है। धार्मिक उत्सवों, त्योहारों और विशेष अवसरों पर दुर्गा जी की आरती का गायन एक महत्वपूर्ण गतिविधि होती है। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और इसे बनाए रखना हमारे सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

  1. धार्मिक उत्सव: दुर्गा जी की आरती धार्मिक उत्सवों और त्योहारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। नवरात्रि, दुर्गाष्टमी, और दशहरा आदि पर दुर्गा जी की आरती का विशेष रूप से आयोजन किया जाता है।
  2. पारिवारिक परंपराएं: भारतीय परिवारों में दुर्गा जी की आरती का गायन एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इसे परिवार के सभी सदस्य मिलकर गाते हैं और इसे धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं।
  3. सांस्कृतिक धरोहर: दुर्गा जी की आरती भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। इसे संरक्षित और संवर्धित करना हमारी जिम्मेदारी है।

दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) का आध्यात्मिक प्रभाव

दुर्गा जी की आरती का आध्यात्मिक प्रभाव अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसका गायन भक्तों के मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह आत्मा को शुद्ध करता है और व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। आरती का नियमित रूप से गायन करने से व्यक्ति के भीतर एक सकारात्मक परिवर्तन होता है और वह आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होता है।

  1. मन की शांति: दुर्गा जी की आरती का गायन मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह तनाव और चिंता को दूर करता है और मन को शुद्ध करता है।
  2. आत्मा की शुद्धि: आरती का गायन आत्मा को शुद्ध करता है और व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  3. आध्यात्मिक विकास: दुर्गा जी की आरती का नियमित रूप से गायन करने से व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है। यह आत्मज्ञान की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

दुर्गा जी की आरती (Durga Ji Ki Aarti) का धार्मिक महत्व

दुर्गा जी की आरती का धार्मिक महत्व अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसका नियमित गायन भक्तों के जीवन में आध्यात्मिकता का संचार करता है और उन्हें माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह आरती भक्तों को धार्मिकता की ओर अग्रसर करती है और उनके जीवन में संतुलन और शांति लाती है।

  1. धार्मिक अनुष्ठान: दुर्गा जी की आरती धार्मिक अनुष्ठानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह धार्मिक अनुष्ठानों का समापन करती है और भक्तों के जीवन में धार्मिकता का संचार करती है।
  2. माँ दुर्गा की कृपा: दुर्गा जी की आरती का नियमित गायन भक्तों को माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह आरती भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा लाती है।
  3. धार्मिकता का संचार: दुर्गा जी की आरती भक्तों के जीवन में धार्मिकता का संचार करती है। यह भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।

निष्कर्ष

दुर्गा जी की आरती का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसका नियमित गायन भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उन्हें शांति, सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करता है। यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न अंग है और इसे संरक्षित और संवर्धित करना हमारी जिम्मेदारी है। दुर्गा जी की आरती का गायन माँ दुर्गा के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करने का एक साधन है और यह भक्तों के मन और आत्मा को शुद्ध करने में सहायक होता है। इसलिए, हमें दुर्गा जी की आरती का नियमित रूप से गायन करना चाहिए और इसका पूर्ण लाभ उठाना चाहिए।

दुर्गा जी की आरती वीडियो (Durga Ji Ki Aarti Video)

Video Source: YouTube Channel – T-Series Bhakti Sagar

Leave a Reply