दिवाली का त्योहार हर भारतीय के जीवन में विशेष महत्व रखता है। यह न केवल रोशनी और खुशी का पर्व है बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा पाने का सबसे शुभ अवसर भी माना जाता है। इस मौके पर घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है, क्योंकि मान्यता है कि मां लक्ष्मी को स्वच्छता बहुत प्रिय है। दिवाली के समय साफ-सफाई के साथ लोग कई ऐसे उपाय करते हैं जिससे माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
इन उपायों में एक महत्वपूर्ण चीज है धन लक्ष्मी पोटली, जिसे विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन के दिन बनाकर तिजोरी या पूजा स्थान में रखा जाता है। माना जाता है कि यह पोटली मां लक्ष्मी को अत्यधिक प्रिय है और इसे रखने से घर में आर्थिक समृद्धि बनी रहती है। यहां हम जानेंगे कि धन लक्ष्मी पोटली कैसे बनाई जाती है और इसके बनाने का सही समय क्या है।
कब बनाएं धन लक्ष्मी पोटली? (Kab Bnae Dhan Laxmi Potli)
धन लक्ष्मी पोटली बनाने का सही समय धनतेरस या दिवाली के दिन माना जाता है। कुछ लोग इसे धनतेरस पर बनाते हैं, जबकि कुछ इसे दिवाली पूजा के दौरान तैयार करते हैं। धन लक्ष्मी पोटली को पूजा में रखने से पहले उस स्थान की अच्छे से सफाई करना आवश्यक है। इसे बनाने और तिजोरी में रखने का विशेष नियम है ताकि मां लक्ष्मी की कृपा पूरे वर्ष बनी रहे।
तिजोरी की सफाई और शुद्धिकरण
धन लक्ष्मी पोटली को तिजोरी में रखने से पहले तिजोरी की सफाई करें। साफ कपड़े से पोंछने के बाद उसमें दीया और धूप दिखाकर शुद्धिकरण किया जाता है। इस प्रक्रिया से स्थान पवित्र होता है और इसे मां लक्ष्मी के स्वागत योग्य बनाया जाता है। जब पूजा पूरी हो जाए तब इस पोटली को तिजोरी में रख सकते हैं।
धन लक्ष्मी पोटली बनाने की विधि (Dhan Laxmi Potli Bnane Ki Vidhi)
धन लक्ष्मी पोटली बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होती है, जो विशेष रूप से मां लक्ष्मी को प्रिय मानी जाती हैं। इन सामग्रियों का प्रयोग सही विधि से करने पर मां लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद मिलता है।
आवश्यक सामग्री: (Dhan Laxmi Potli Samagri)
- लाल कपड़ा: यह पोटली बनाने के लिए आवश्यक है। लाल रंग को लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है।
- कमल गट्टा (5 पीस): कमल का बीज, जिसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
- गोमती चक्र (5 पीस): इसे घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- पीली कौड़ी (5 पीस): कौड़ी मां लक्ष्मी को प्रिय है और यह समृद्धि का प्रतीक है।
- हरी इलायची (5 पीस): इलायची को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- लौंग (5 पीस): लौंग का उपयोग लक्ष्मी पूजन में समृद्धि के प्रतीक के रूप में किया जाता है।
- सुपारी (5 पीस): सुपारी शुभ मानी जाती है और इसे सभी मांगलिक कार्यों में उपयोग किया जाता है।
- हल्दी स्टिक: हल्दी को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
- चांदी का सिक्का: चांदी का सिक्का लक्ष्मी जी का प्रतीक है।
- कुछ पैसे और साबुत धनिया: इसे आर्थिक स्थिरता और समृद्धि के लिए रखा जाता है।
पोटली बनाने की विधि:
- सबसे पहले, एक साफ और शुभ लाल कपड़ा लें।
- उसमें उपरोक्त सभी सामग्री रखें, जैसे कि पांच कमल गट्टे, पांच गोमती चक्र, पांच पीली कौड़ियां, पांच हरी इलायची, पांच लौंग, पांच सुपारी, हल्दी की स्टिक, चांदी का सिक्का, कुछ पैसे और साबुत धनिया।
- अब इस कपड़े को पोटली के रूप में बांध लें और इसे लाल धागे से कसकर बांध दें।
- इस तैयार पोटली को तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखें और मां लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि वह आपके घर में सदैव सुख-समृद्धि और आशीर्वाद बनाए रखें।
धन लक्ष्मी पोटली के लाभ (Dhan Laxmi Potli Bnane Ke Laabh)
धन लक्ष्मी पोटली को बनाकर तिजोरी में रखने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि आती है। माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिससे घर में किसी भी प्रकार की धन से जुड़ी समस्याएं नहीं आतीं। इस पोटली को तिजोरी में रखने से व्यापार में उन्नति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
महत्वपूर्ण सावधानियां
- पोटली को तिजोरी या पूजा स्थान में पूरे वर्ष रखें और इसे छेड़छाड़ न करें।
- हर दिवाली पर नई पोटली बनाएं और पुरानी को विसर्जित कर दें।
- पोटली को हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बनाएं ताकि उसका सकारात्मक प्रभाव मिल सके।
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