दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और उल्लासमय त्योहारों में से एक है। यह त्योहार रोशनी का प्रतीक है और हर वर्ष पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में घरों में दीप जलाए जाते हैं। इसके साथ ही, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। हर कोई इस दिन लक्ष्मी पूजा कर अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करता है।
लेकिन हर साल की तरह इस बार भी लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी या 1 नवंबर को? इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि इस बार दिवाली कब है और लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
क्यों होती है इस तरह की उलझन?
दिवाली की तारीख को लेकर इस तरह की उलझन मुख्यतः भारतीय पंचांग की जटिलताओं के कारण होती है। भारतीय पंचांग चंद्रमा और सूर्य की गति पर आधारित होता है, और विभिन्न क्षेत्रों में इसका गणना करने के तरीके थोड़े भिन्न हो सकते हैं। इसके अलावा, दिवाली का शुभ मुहूर्त निकालने के लिए कई ज्योतिषीय गणनाएं की जाती हैं, जिनमें थोड़ी सी भिन्नता होने पर तारीख में बदलाव आ सकता है।
विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तारीखें
दिवाली की तारीख को लेकर हर साल थोड़ी बहुत असमंजस होती है क्योंकि पंचांगों में तिथियों की गणना थोड़ी जटिल होती है। दिवाली का पर्व अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, लेकिन तिथि का उदयकाल और सूर्यास्त के समय के आधार पर अलग-अलग स्थानों पर यह तिथि भिन्न हो सकती है।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में दिवाली को अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को सूर्यास्त से पहले शुरू होगी, और 1 नवंबर को एक घटी बाद समाप्त हो रही है। जिस कारण से दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
निष्कर्ष
दिवाली की तारीख को लेकर होने वाली उलझन को दूर करने के लिए हमें स्थानीय पंडितों या विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि दिवाली का त्योहार केवल एक दिन का नहीं होता है, बल्कि यह पांच दिनों का त्योहार होता है। हमें इन सभी दिनों को धूमधाम से मनाना चाहिए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियां बांटनी चाहिए।
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