Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 Shloka 4 | गीता अध्याय 3 श्लोक 4 अर्थ सहित | न कर्मणामनारम्भान्नैष्कर्म्यं पुरुषोSश्र्नुते…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 4 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 in Hindi): भगवद गीता का तीसरा अध्याय, जिसे "कर्मयोग" कहा जाता है, जीवन में कर्म की अनिवार्यता को…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 4 Shloka 4 | गीता अध्याय 3 श्लोक 4 अर्थ सहित | न कर्मणामनारम्भान्नैष्कर्म्यं पुरुषोSश्र्नुते…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 3 Shloka 3 | गीता अध्याय 3 श्लोक 3 अर्थ सहित | लोकेस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 3 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 3 in Hindi): भगवद्गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है, जो मनुष्य को जीवन के उच्चतम लक्ष्य, यानी…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 3 Shloka 3 | गीता अध्याय 3 श्लोक 3 अर्थ सहित | लोकेस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 2 Shloka 2 | गीता अध्याय 3 श्लोक 2 अर्थ सहित | व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 2 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 2 in Hindi): भगवद्गीता के तीसरे अध्याय में कर्मयोग का गहन विवेचन किया गया है, जो मनुष्य को जीवन…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 2 Shloka 2 | गीता अध्याय 3 श्लोक 2 अर्थ सहित | व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे…..

Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 Shloka 1 | गीता अध्याय 3 श्लोक 1 अर्थ सहित | ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन…..

श्रीमद् भागवत गीता अध्याय 3 श्लोक 1 (Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 in Hindi): भगवद्गीता का तीसरा अध्याय "कर्मयोग" जीवन के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक है – कर्म…

Continue ReadingBhagavad Gita Chapter 3 Verse 1 Shloka 1 | गीता अध्याय 3 श्लोक 1 अर्थ सहित | ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन…..