Putrada Ekadashi 2025 Date:सनातन परंपरा में यह विश्वास किया जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। उनकी कृपा से न केवल आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का भी आगमन होता है। विशेष रूप से सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को, जिसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, लक्ष्मी नारायण की पूजा का अत्यंत महत्व होता है।
August 2025 me Ekadashi Kab: यह मास स्वयं में अत्यंत पावन माना गया है, क्योंकि यह पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। इस अवधि में भक्तजन नित्य शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं, एकादशी की तिथि पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की विशेष आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा भाव से लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व उन लोगों के लिए है जो संतान सुख की प्राप्ति की कामना रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो विवाहित दंपति संतान प्राप्ति की इच्छा से इस व्रत को श्रद्धा और विधिपूर्वक करते हैं, उन्हें योग्य संतान का आशीर्वाद अवश्य मिलता है।भगवान विष्णु की आराधना से व्यक्ति के जीवन में चल रहे कष्ट, बाधाएं और मानसिक अशांति समाप्त होती है। साथ ही जो व्यक्ति एकादशी का उपवास करता है, उसे भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
अब प्रश्न उठता है कि पुत्रदा एकादशी 2025 में कब मनाई जाएगी और इसकी सही पूजा विधि क्या है? यदि आप भी इस दिव्य तिथि का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आइए इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें – व्रत तिथि, पूजन विधि, कथा और धार्मिक लाभ से जुड़ी समस्त जानकारी अगली जानकारी में विस्तार से जानें।
पुत्रदा एकादशी कब मनाई जाती है? (Putrada Ekadashi 2025)
सावन मास में आता है पुण्यदायक पुत्रदा एकादशी व्रत
पुत्रदा एकादशी का पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान लक्ष्मी नारायण की आराधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में इस एकादशी व्रत की विशेष महिमा का वर्णन मिलता है। विशेष रूप से उन विवाहित दंपत्तियों के लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना गया है जो संतान की प्राप्ति की इच्छा रखते हैं।
इस पावन व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से न केवल संतान सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। जो साधक श्रद्धा से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं, उनके जीवन से कष्ट दूर होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
पुत्रदा एकादशी 2025 में कब है?
पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में सावन शुक्ल एकादशी की तिथि का प्रारंभ 4 अगस्त को सुबह 11:41 बजे से होगा और इसका समापन 5 अगस्त को दोपहर 1:12 बजे होगा। इस आधार पर पुत्रदा एकादशी व्रत 5 अगस्त 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा।
इस दिन श्रद्धालु अपनी सुविधा अनुसार शुभ समय पर लक्ष्मी नारायण जी की विधिवत पूजा कर सकते हैं। व्रत रखने वाले भक्त ब्रह्म मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त में स्नान कर व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन व्रत का पालन कर भगवान विष्णु की पूजा करें।
पुत्रदा एकादशी 2025 के शुभ योग
पुत्रदा एकादशी पर बन रहे हैं शुभ संयोग और विशेष योग
वर्ष 2025 की पुत्रदा एकादशी पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति के कारण यह दिन और भी अधिक फलदायी हो गया है। इस दिन भद्रा वास और रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
रवि योग में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यधिक कल्याणकारी होता है। यह योग साधक को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्रदान करता है। साथ ही जो लोग अपने करियर, नौकरी या व्यवसाय में प्रगति चाहते हैं, उनके लिए यह समय विशेष लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
इसके अलावा, इस दिन ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है, जो अध्यात्म और धर्म कार्यों के लिए उत्तम माना गया है। इन नक्षत्रों में की गई पूजा, दान और व्रत का विशेष फल मिलता है।
साथ ही, बव करण का योग भी बन रहा है, जो कार्य सिद्धि और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। इस करण में किया गया संकल्प विशेष रूप से फलीभूत होता है।
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FAQs
पुत्रदा एकादशी 2025 में कब है?
वर्ष 2025 में पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा। एकादशी तिथि की शुरुआत 4 अगस्त को सुबह 11:41 बजे और समाप्ति 5 अगस्त को दोपहर 1:12 बजे होगी।
पुत्रदा एकादशी व्रत क्यों किया जाता है?
यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि जो दंपत्ति पुत्रदा एकादशी का विधिपूर्वक व्रत रखते हैं, उन्हें योग्य संतान का आशीर्वाद मिलता है।
पुत्रदा एकादशी पर किस देवता की पूजा की जाती है?
इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। विष्णु सहस्रनाम, श्रीसूक्त और व्रत कथा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
पुत्रदा एकादशी 2025 में कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?
2025 में पुत्रदा एकादशी पर रवि योग, भद्रावास, ज्येष्ठा व मूल नक्षत्र तथा बव करण का विशेष संयोग बन रहा है, जो इस व्रत को और अधिक फलदायी बनाता है।