Ram Navami 2026| राम नवमी 2026 में 2 दिन मनाई जाएगी| जाने तिथि और 2 दिन के राम नवमी के उत्सव का कारण

Ram Navami 2026 Date: मर्यादा, सत्य और धर्म के प्रतीक भगवान श्रीराम के प्रति भक्तों की आस्था (राम नवमी 2026) सदियों से अटूट रही है। श्रीराम केवल एक राजा या योद्धा नहीं, बल्कि आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श शासक के रूप में पूजे जाते हैं। यही कारण है कि उनके जन्मोत्सव राम नवमी का पर्व हर वर्ष पूरे भारत में बड़े श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2026 में राम नवमी को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिलेगा, क्योंकि कई वर्षों बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है जब राम नवमी का पर्व दो दिनों तक मनाया जाएगा।

राम नवमी
Ram Navami 2026 Date & Time

आमतौर पर पंचांग भेद के कारण जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाया जाता है, लेकिन वर्ष 2026 में यही स्थिति राम नवमी के साथ भी देखने को मिलेगी। यह संयोग श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत विशेष माना जा रहा है।

भगवान श्रीराम का जन्म और राम नवमी का महत्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या नगरी में हुआ था। यह दिन चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन भी होता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर श्रीराम के रूप में अवतार लिया था, ताकि अधर्म का नाश और धर्म की पुनः स्थापना हो सके।

राम नवमी का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आदर्श जीवन मूल्यों की स्मृति भी है। इस दिन भक्त भगवान श्रीराम के चरित्र से प्रेरणा लेते हैं और अपने जीवन में सत्य, संयम और करुणा को अपनाने का संकल्प करते हैं।

राम नवमी 2026 में दो दिन मनाए जाने का कारण

वर्ष 2026 में राम नवमी का पर्व दो दिनों तक मनाए जाने का मुख्य कारण नवमी तिथि का दो दिनों में विभाजित होना है। पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 26 मार्च 2026 को सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर होगा और यह तिथि 27 मार्च 2026 को सुबह 10 बजकर 06 मिनट तक रहेगी।

इसी कारण स्मार्त और वैष्णव परंपराओं में तिथि मानने के नियमों के अनुसार राम नवमी दो अलग-अलग दिनों पर मनाई जाएगी। यह संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है, जिससे भक्तों में विशेष उल्लास देखने को मिल रहा है।

26 मार्च 2026 को राम नवमी का महत्व

26 मार्च 2026 को नवमी तिथि सुबह 11 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होकर पूरे दिन बनी रहेगी। इस दिन मध्याह्न काल में भगवान श्रीराम की पूजा का विशेष महत्व रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म दोपहर के समय हुआ था, इसलिए मध्याह्न में की गई पूजा को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

इस दिन श्रीराम की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इसी अवधि में अधिकांश मंदिरों में राम जन्मोत्सव का आयोजन किया जाएगा। ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि मध्याह्न काल का मध्य क्षण भगवान श्रीराम के जन्म का प्रतीक माना जाता है। वर्ष 2026 में यह विशेष क्षण दोपहर 12 बजकर 27 मिनट का रहेगा, जिसे राम जन्म काल के रूप में मनाया जाएगा।

27 मार्च 2026 को राम नवमी क्यों मनाई जाएगी

27 मार्च 2026 को उदयातिथि के अनुसार वैष्णव संप्रदाय के श्रद्धालु राम नवमी का पर्व मनाएंगे। वैष्णव परंपरा में तिथि को सूर्योदय से जोड़ा जाता है, इसलिए जिन स्थानों पर उदयातिथि का विशेष महत्व माना जाता है, वहां 27 मार्च को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा।

इस दिन भी राम नवमी के मध्याह्न पूजा का समय सुबह 11 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में श्रीराम की विधिपूर्वक पूजा, भजन-कीर्तन और कथा का आयोजन किया जाएगा।

राम नवमी व्रत की परंपरा और महत्व

राम नवमी के अवसर पर व्रत रखने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन आठ प्रहर का उपवास करने की परंपरा है, जिसका अर्थ है कि भक्तों को सूर्योदय से अगले दिन के सूर्योदय तक व्रत का पालन करना चाहिए। यह व्रत शरीर की शुद्धि के साथ-साथ मन और आत्मा को भी पवित्र करता है।

राम नवमी का व्रत श्रद्धा और संयम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भक्त अपने सामर्थ्य के अनुसार उपवास रखते हैं और भगवान श्रीराम की आराधना करते हैं। यह व्रत केवल इच्छापूर्ति के लिए ही नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और धर्म मार्ग पर चलने के लिए भी किया जाता है।

राम नवमी व्रत के विभिन्न स्वरूप

शास्त्रों में राम नवमी व्रत को उसके उद्देश्य के आधार पर विभिन्न रूपों में वर्णित किया गया है। कुछ श्रद्धालु इसे केवल धार्मिक कर्तव्य के रूप में करते हैं, जबकि कुछ लोग इसे जीवन भर पालन करने योग्य व्रत मानते हैं। वहीं कई भक्त अपनी विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी इस व्रत का संकल्प लेते हैं।

इन सभी स्वरूपों का मूल उद्देश्य भगवान श्रीराम की भक्ति, आत्मसंयम और धर्माचरण को जीवन में अपनाना ही है।

वर्ष 2026 में दो दिनों तक मनाई जाने वाली राम नवमी श्रद्धालुओं को यह संदेश देती है कि भक्ति केवल तिथि या मुहूर्त तक सीमित नहीं होती, बल्कि श्रद्धा और भाव से जुड़ी होती है। चाहे 26 मार्च को मनाया जाए या 27 मार्च को, भगवान श्रीराम की कृपा सच्चे मन से की गई भक्ति से ही प्राप्त होती है।

राम नवमी का यह दुर्लभ संयोग भक्तों को श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने और धर्म, सत्य तथा करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

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