Akshaya Tritiya 2026|अक्षय तृतीया 2026 में कब| जाने तिथि और पौराणिक मान्यता

Akshaya Tritiya 2026 Date: अक्षय तृतीया हिंदू धर्म के सबसे शुभ और पुण्यदायी पर्वों में से एक मानी जाती है। यह तिथि ऐसी मानी जाती है, जिस दिन किए गए शुभ कर्मों का फल कभी नष्ट नहीं होता। वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई गई थी, वहीं अब श्रद्धालुओं और निवेशकों की निगाहें आने वाले वर्ष 2026 पर टिकी हैं। अक्षय तृतीया को देश के कई हिस्सों में ‘आखा तीज’ के नाम से भी जाना जाता है और यह पर्व धार्मिक आस्था के साथ-साथ समृद्धि और सौभाग्य से भी जुड़ा हुआ है।

अक्षय तृतीया
Akshaya Tritiya 2026 Date & Time

पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया

हिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। तिथि हर वर्ष वही रहती है, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इसकी तारीख बदलती रहती है। यही कारण है कि लोग हर साल यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि अक्षय तृतीया किस दिन पड़ेगी। यह पर्व बिना किसी विशेष मुहूर्त के भी शुभ माना जाता है, इसलिए इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, जिसमें विवाह, गृह प्रवेश और नए कार्यों की शुरुआत बिना पंचांग देखे भी की जा सकती है।

अक्षय तृतीया 2026 की तिथि

साल 2026 में अक्षय तृतीया रविवार, 19 अप्रैल को मनाई जाएगी। इससे पहले वर्ष 2025 में यह पर्व बुधवार को पड़ा था, जिसे रोहिणी नक्षत्र के संयोग के कारण अत्यंत शुभ माना गया। 2026 में रविवार का दिन होने के कारण इस तिथि का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि रविवार सूर्यदेव को समर्पित माना जाता है और सूर्य को ऊर्जा, वैभव और तेज का प्रतीक कहा गया है। इस दिन की गई पूजा और शुभ कार्य जीवन में सकारात्मक परिणाम देने वाले माने जाते हैं।

2026 में अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया का नाम आते ही सबसे पहले सोना-चांदी की खरीदारी का विचार मन में आता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदा गया सोना या चांदी कभी घटता नहीं, बल्कि उसमें निरंतर वृद्धि होती है। वर्ष 2026 में अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त 19 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 20 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार लगभग पूरा दिन खरीदारी के लिए अनुकूल रहेगा, जिससे लोग अपनी सुविधा अनुसार निवेश कर सकेंगे।

अक्षय तृतीया का आध्यात्मिक महत्व

‘अक्षय’ शब्द का अर्थ होता है जिसका कभी क्षय न हो। इसी कारण इस दिन किए गए दान, जप, तप और शुभ कार्यों को अक्षय फल देने वाला माना जाता है। यह तिथि सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन किया गया पुण्य जीवन भर साथ देता है और आने वाली पीढ़ियों तक उसका प्रभाव बना रहता है। यही वजह है कि इस दिन दान-पुण्य, पितरों का तर्पण और ईश्वर की आराधना विशेष रूप से की जाती है।

अक्षय तृतीया से जुड़ी पौराणिक कथाएं

अक्षय तृतीया की तिथि को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जो इसके महत्व को और भी गहरा बनाती हैं। मान्यता है कि त्रेता युग का आरंभ इसी दिन से हुआ था। इसी पावन तिथि पर भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था, इसलिए यह दिन वैष्णव परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

कृष्ण-सुदामा मिलन की कथा

अक्षय तृतीया का संबंध भगवान कृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा की अमर कथा से भी जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि वर्षों बाद इसी दिन कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था। सुदामा की निष्कपट भक्ति से प्रसन्न होकर कृष्ण ने उन्हें बिना कुछ कहे अपार वैभव का आशीर्वाद दिया। यह कथा इस बात का प्रतीक है कि अक्षय तृतीया पर की गई सच्ची भक्ति और निस्वार्थ भाव कभी व्यर्थ नहीं जाता।

महाभारत और अक्षय तृतीया

कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध की समाप्ति भी अक्षय तृतीया के आसपास मानी जाती है। इसके अलावा, इसी दिन पांडवों को अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था, जिससे उनके भोजन की समस्या समाप्त हो गई थी। यह कथा भी इस तिथि के ‘अक्षय’ स्वरूप को दर्शाती है, जिसमें कभी न खत्म होने वाले वरदान और कृपा का वर्णन मिलता है।

अक्षय तृतीया पर क्या करें

अक्षय तृतीया के दिन लोग प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन नए कार्यों की शुरुआत, निवेश, शिक्षा या व्यापार से जुड़े निर्णय लेना शुभ माना जाता है। दान-पुण्य का विशेष महत्व होने के कारण लोग अन्न, वस्त्र, धन और जल का दान करते हैं। ऐसा विश्वास है कि इस दिन किया गया दान कई गुना होकर वापस मिलता है और जीवन में स्थायी सुख-समृद्धि लाता है।

अक्षय तृतीया केवल खरीदारी या परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्वास, आशा और निरंतर प्रगति का प्रतीक है। यह पर्व सिखाता है कि सही समय पर सही कर्म किए जाएं, तो जीवन में कभी अभाव नहीं रहता। वर्ष 2026 में 19 अप्रैल को आने वाली अक्षय तृतीया एक बार फिर लोगों के जीवन में नई शुरुआत, सकारात्मक ऊर्जा और स्थायी समृद्धि का संदेश लेकर आएगी।

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