बृहस्पति देव, जिन्हें देवताओं के गुरु के रूप में जाना जाता है, वे हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय हैं। बृहस्पति देव ज्ञान, शिक्षा, और धार्मिकता के प्रतीक हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से गुरुवार के दिन की जाती है, जिसे बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। इस लेख में हम बृहस्पति देव की आरती, उसके महत्व, लाभ और निष्कर्ष पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
बृहस्पति देव की आरती
जय बृहस्पति देवा, ॐ जय बृहस्पति देवा।
छिन-छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा।
जय बृहस्पति देवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
जगत्पिता जगदीश्वर तुम सबके स्वामी॥
जय बृहस्पति देवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक कृपा करो भर्ता॥
जय बृहस्पति देवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥
तन मन धन अर्पण कर जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब हो कर आ कर द्वार खड़े॥
जय बृहस्पति देवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥
दीन दयाल दयानिधि भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता भव बंधन हारी॥
जय बृहस्पति देवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥
सकल मनोरथ दायक सब संशय हारी।
विषय विकार मिटाओ संतान हितकारी॥
जय बृहस्पति देवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥
जो कोई आरती तेरी प्रेम सही गावे।
जेठानंद आनंदकर सो निश्चय पावे॥
जय बृहस्पति देवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥
बृहस्पति देव की आरती का महत्व
बृहस्पति देव की आरती का धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में अत्यधिक महत्व है। यह आरती बृहस्पति देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। बृहस्पति देव की आरती के महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
- ज्ञान और शिक्षा का संरक्षण: बृहस्पति देव को ज्ञान और शिक्षा का देवता माना जाता है। उनकी आरती करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है। यह उनकी पढ़ाई में एकाग्रता और सफलता प्राप्त करने में सहायक होती है।
- धार्मिकता और नैतिकता की वृद्धि: बृहस्पति देव धार्मिकता और नैतिकता के प्रतीक हैं। उनकी आरती करने से व्यक्ति की धार्मिकता और नैतिकता में वृद्धि होती है। यह उसे सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
- ग्रह दोषों का निवारण: बृहस्पति ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए बृहस्पति देव की आरती का विशेष महत्व है। यह व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करती है और उसे शुभ फल प्रदान करती है।
- सुख-समृद्धि की प्राप्ति: बृहस्पति देव की आरती करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्यक्ति के जीवन में धन, धान्य और समृद्धि लाती है।
- मानसिक शांति: बृहस्पति देव की आरती से मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह व्यक्ति के मानसिक तनाव और चिंता को दूर करती है और उसे शांति और स्थिरता प्रदान करती है।
बृहस्पति देव की आरती के लाभ
बृहस्पति देव की आरती करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इन लाभों का प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक जीवन पर होता है। बृहस्पति देव की आरती के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
- शिक्षा में सफलता: बृहस्पति देव की आरती करने से विद्यार्थियों को शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है। यह उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाती है, जिससे वे अपने अध्ययन में सफल होते हैं।
- आर्थिक समृद्धि: बृहस्पति देव की आरती से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्यक्ति के जीवन में धन और संपत्ति की वृद्धि करती है और उसे आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है।
- स्वास्थ्य लाभ: बृहस्पति देव की आरती से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- परिवार में शांति: बृहस्पति देव की आरती से परिवार में शांति बनी रहती है। यह सभी सदस्यों के बीच प्रेम और सामंजस्य को बढ़ावा देती है, जिससे पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है।
- ग्रह दोषों का निवारण: बृहस्पति देव की आरती ग्रह दोषों का निवारण करती है। यह व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करती है और उसे शुभ फल प्रदान करती है।
बृहस्पति देव की आरती का आध्यात्मिक महत्व
बृहस्पति देव की आरती का आध्यात्मिक महत्व भी अत्यधिक है। यह भक्त को आत्मा की शुद्धि और भगवान के प्रति उसकी भक्ति को बढ़ाने में सहायक होती है। बृहस्पति देव की आरती के माध्यम से व्यक्ति अपनी आत्मा को शुद्ध करता है और भगवान के साथ एकात्मता का अनुभव करता है। यह आत्मा को भगवान के निकट लाने और उसे परम शांति और आनंद का अनुभव करने का मार्ग प्रदान करती है।
बृहस्पति देव की आरती के आध्यात्मिक महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
- आत्मा की शुद्धि: बृहस्पति देव की आरती आत्मा को शुद्ध करती है। यह सभी नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करती है और आत्मा को शांति और स्थिरता प्रदान करती है।
- भगवान के प्रति भक्ति: बृहस्पति देव की आरती भगवान के प्रति भक्ति को बढ़ाती है। यह व्यक्ति को भगवान के निकट लाती है और उसे उनकी कृपा और आशीर्वाद का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है।
- आध्यात्मिक मार्गदर्शन: बृहस्पति देव की आरती व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह उसे सही मार्ग पर चलने और भगवान के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देती है।
- परम शांति और आनंद: बृहस्पति देव की आरती के माध्यम से व्यक्ति परम शांति और आनंद का अनुभव करता है। यह उसे सभी प्रकार के मानसिक तनाव और चिंता से मुक्त करती है और उसे भगवान के निकटता का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है।
बृहस्पति देव की पूजा और आरती विधि
बृहस्पति देव की पूजा और आरती विधि सरल होती है, लेकिन इसे विधिवत और श्रद्धा से करना आवश्यक है। पूजा विधि निम्नलिखित है:
- स्नान और शुद्धिकरण: पूजा के पहले स्नान करके शुद्ध हो जाना चाहिए। पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र करें।
- पूजा सामग्री: बृहस्पति देव की पूजा के लिए हल्दी, चंदन, पीले फूल, पीला वस्त्र, गुड़, चना, और घी का दीपक आवश्यक है।
- मंत्र जाप: बृहस्पति देव के मंत्र का जाप करना चाहिए। उनका मुख्य मंत्र है: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।”
- आरती: अंत में बृहस्पति देव की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
निष्कर्ष
बृहस्पति देव की आरती का धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। यह भक्तों को भगवान बृहस्पति की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। बृहस्पति देव की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें शिक्षा में सफलता, आर्थिक समृद्धि, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक शांति, और ग्रह दोषों का निवारण शामिल हैं। इसके अलावा, बृहस्पति देव की आरती का आध्यात्मिक महत्व भी अत्यधिक है, जो आत्मा की शुद्धि, भगवान के प्रति भक्ति, आध्यात्मिक मार्गदर्शन और परम शांति और आनंद की प्राप्ति में सहायक होती है।
इस प्रकार, बृहस्पति देव की आरती हमारे जीवन को सकारात्मकता, ऊर्जा और आनंद से भरती है। यह हमें भगवान के प्रति समर्पित रहने और उनकी कृपा और आशीर्वाद का अनुभव करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। बृहस्पति देव की आरती करने से हम जीवन के सभी विघ्नों और बाधाओं से मुक्त होते हैं और हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। अतः हमें बृहस्पति देव की आरती को अपने दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बनाना चाहिए और उनके प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को बनाए रखना चाहिए।