Neha Pandey
date: 19/07/2025
स्वर्णिम आभा का रहस्य
राधारानी का रंग ताजे मक्खन (गोराचना) की तरह उज्ज्वल, और हज़ारों बार तपाए सोने के समान तेजस्वी है।
राधारानी का रंग = प्रकाश + माधुर्य
उनके रंग में सिर्फ त्वचा की सुंदरता नहीं, बल्कि आत्मा को छू लेने वाला आध्यात्मिक प्रकाश है।
सौंदर्य जो हर दिन बढ़ता है
ऐसा लगता है मानो उनका सौंदर्य कभी थमता ही नहीं।
जब राधा मिलें श्रीकृष्ण से
उनका स्वर्णिम तेज और भी दिव्य हो जाता है।
पूरा वृंदावन हो उठता है स्वर्णमय
स्वर्णिम आभा से चमक उठते हैं।
कृष्ण भी हो जाते हैं राधा के रंग में रंगे - जब राधा श्रीकृष्ण के पास होती हैं, तो कृष्ण का श्याम रंग भी स्वर्णिम हो जाता है।
भक्त की दृष्टि से राधा का रंग
हर भक्त को अलग अनुभव कराता है। यह रंग हृदय से देखा जाता है, नेत्रों से नहीं।
स्वर्णिम विद्युत-ज्योति से घिरी हुई देवी के रूप में अनुभव करते हैं।
योगियों की अनुभूति