निर्जला एकादशी 2025 – सबसे पवित्र व्रत निर्जला एकादशी इस वर्ष 6 जून 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह व्रत ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है और सभी एकादशियों में सबसे कठिन और पुण्यदायक माना जाता है।

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इस व्रत की खास बात क्या है? यह उपवास बिना जल ग्रहण किए किया जाता है, इसलिए इसे "निर्जला" कहा जाता है। मान्यता है कि यह एक व्रत, सभी एकादशियों के बराबर पुण्य देता है।

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लक्ष्मी नारायण की पूजा का दिन इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। भक्तगण पूरी श्रद्धा से दिनभर उपवास रखते हैं और रात्रि में जागरण करते हैं।

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व्रत कब रखना है और पारण कब करना है व्रत 23 मई को रखा जाएगा और पारण होगा 24 मई की सुबह 6:01 से 8:39 के बीच।

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इस बार खास है निर्जला एकादशी इस वर्ष इस दिन बुध ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं, जिससे इस व्रत का फल और भी प्रभावशाली हो गया है। ग्रहों की यह चाल कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ संकेत ला रही है।

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वृषभ राशि वालों के लिए सौभाग्य का योग वृषभ राशि के जातकों को आर्थिक लाभ, व्यापार में सफलता और समाज में मान-सम्मान मिलेगा। आपकी वाणी से लोग प्रभावित होंगे और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

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सिंह राशि वालों के लिए उन्नति के द्वार खुलेंगे सिंह राशि के लोग संचार, लेखन और मीडिया से जुड़ी गतिविधियों में बड़ी सफलता पाएंगे। व्यापार में नई डील्स और निवेश से लाभ के संकेत मिलेंगे।

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धनु राशि वालों को मिलेगा दोगुना लाभ धनु राशि के जातकों के लिए धन में वृद्धि, विवाह के योग, और करियर में तरक्की के संकेत हैं। आयात-निर्यात और बिजनेस में नया विस्तार देखने को मिलेगा।

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इस एकादशी से बदल सकता है भाग्य निर्जला एकादशी का व्रत एक आध्यात्मिक और ज्योतिषीय संयोग है। यह दिन आत्मशुद्धि, कर्म शुद्धि और आर्थिक उत्थान का अद्भुत अवसर प्रदान करता है।

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