क्या भगवान हैं? कैसे करें अनुभव?वृंदावन के महान संत प्रेमानंद जी महाराज ने बताया — भगवान का प्रमाण कैसे मिलता है, और कैसे कोई भी उनका अनुभव कर सकता है।
सद्गुरु ही देते हैं प्रमाणप्रेमानंद जी कहते हैं – जैसे बच्चे का असली पिता मां ही जानती है, वैसे ही भगवान के अस्तित्व का अनुभव सद्गुरु से ही होता है।
प्रकृति है, तो रचयिता भी होगायदि संसार है, तो उसका कोई मालिक भी होगा। पुत्र है तो पिता है, सृष्टि है तो सृष्टिकर्ता भी है।
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साधना ही है मार्ग, तर्क नहींईश्वर को बुद्धि से नहीं जाना जा सकता। प्रेमानंद जी के अनुसार, साधना ही वह माध्यम है जिससे समाधान मिलता है।
शुद्ध आहार और जप का महत्वमहाराज जी बताते हैं कि शुद्ध आहार, नित्य जप और सेवा ही ईश्वर की अनुभूति के लिए आवश्यक हैं।
प्रभु अनुभव करना है तो...प्रभु को अनुभव करने के लिए खुद को योग्य बनाना होगा। जैसे मिश्री तब ही मीठी लगती है जब कड़वाहट मिटे।
ब्रह्मा जी का अनुभवजब ब्रह्मा जी को अपने जन्म का ज्ञान नहीं था, उन्होंने तपस्या की — और तभी उन्हें प्रभु का साक्षात्कार हुआ।
जाकी रही भावना जैसी’प्रेमानंद जी कहते हैं — प्रभु सभी के लिए उपस्थित हैं, उन्हें वही रूप में अनुभव करता है जैसे उसकी भावना होती है।
हर कण में है भगवानईश्वर हर जगह हैं, हर कण में हैं। अनुभव करना है तो दृष्टिकोण बदलो, भाव से पुकारो — प्रभु अवश्य मिलेंगे।
प्रेमानंद जी महाराज के 9 विचार जो बदल सकते हैं आपका जीवन