बुद्ध पूर्णिमा 2025 सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पितृ दोष और ग्रह दोष से मुक्ति पाने के लिए भी अत्यंत शुभ अवसर है। यह दिन आत्मिक शुद्धि का अनमोल समय है।
क्या होता है पितृ दोष और इसके प्रभावपितृ दोष होने पर जीवन में बार-बार बाधाएं आती हैं, सफलता में रुकावट होती है और मानसिक अशांति बनी रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए विशेष उपायों की आवश्यकता होती है।
बुद्ध पूर्णिमा क्यों है दोष निवारण के लिए श्रेष्ठज्योतिष के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा का दिन पितरों की कृपा पाने और ग्रह दोष शांत करने के लिए अत्यंत शुभ होता है। इस दिन किए गए कर्म शीघ्र फल देते हैं।
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सुबह करें यह खास पूजाइस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं। यह पूजा पितरों और देवताओं की कृपा दिलाती है।
पीपल वृक्ष पर करें यह अर्पणपीपल की जड़ में चने की दाल और दही अर्पित करें। पितरों का ध्यान करते हुए क्षमा याचना करें। यह उपाय पितृ दोष को शांत करने में सहायक है।
पवित्र नदी में करें तर्पणपवित्र नदी में स्नान करके “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का जाप करते हुए जल अर्पित करें। यह पितरों की आत्मा को शांति देता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिन दान करना न भूलेंजरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें। इससे ग्रह दोष और पितृ दोष दोनों का प्रभाव कम होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
ब्रह्ममुहूर्त में मंत्र जाप करें“ॐ नमः शिवाय” या “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे” मंत्र का 108 बार जाप करने से ग्रहों की नकारात्मकता समाप्त होती है और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
यह उपाय लाएगा जीवन में स्थायी सुखबुद्ध पूर्णिमा के दिन किए गए यह सरल उपाय न केवल पितृ दोष से मुक्ति दिलाते हैं, बल्कि जीवन में स्थायी सुख, समृद्धि और आत्मिक शांति भी प्रदान करते हैं।
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