वरुथिनी एकादशी 2025तुलसी पूजन से पाएं पापों से मुक्ति और देवी-देवताओं की कृपातारीख: 24 अप्रैल 2025
वरुथिनी एकादशी का महत्वहर साल वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह दिन पापों से मुक्ति और पुण्य प्राप्ति के लिए जाना जाता है।
तुलसी पूजन क्यों ज़रूरी?तुलसी माता भगवान विष्णु को प्रिय हैं। एकादशी पर तुलसी पूजन करने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
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पूजा की शुरुआत कैसे करें?स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, तुलसी के पास सफाई करें और दीपक जलाएं। पूजा शांत मन से करें।
तुलसी को क्या अर्पित करें?सिंदूरपीले फूलपीली मिठाईगाय के घी का दीपक
इन नियमों का रखें ध्यानएकादशी पर तुलसी को न छुएंपत्ते न तोड़ेंबिना स्नान स्पर्श न करेंनियमों का पालन करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
तुलसी के पवित्र मंत्र महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
तुलसी आरती से मिलेगा पूर्ण फलव्रत के अंत में तुलसी जी की आरती करें। इससे घर में नकारात्मकता दूर होती है और सुख-शांति आती है।
वरुथिनी एकादशी पर तुलसी पूजन न सिर्फ धार्मिक रूप से शुभ है, बल्कि यह आपके जीवन में सौभाग्य और मोक्ष का मार्ग भी खोलता है।
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