You are currently viewing May Ekadashi 2025: मोहिनी एकादशी मई के महीने में कब? जाने तिथि, पूजा विधि और महत्व

May Ekadashi 2025: मोहिनी एकादशी मई के महीने में कब? जाने तिथि, पूजा विधि और महत्व

Mohini Ekadashi 2025 Date: सनातन धर्म में मोहिनी एकादशी व्रत का विशेष स्थान है। मान्यता है कि यदि इस व्रत को श्रद्धा और नियमों के साथ किया जाए, तो व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का आगमन होता है। वैशाख महीने की दूसरी एकादशी, जिसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है, इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आराधना से समस्त कष्ट दूर होते हैं। विशेष रूप से इस दिन मां तुलसी की पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

मोहिनी एकादशी
Mohini Ekadashi 2025 Date

वैदिक पंचांग के अनुसार, मोहिनी एकादशी को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। इस दिन भक्त प्रातः स्नान करके श्रीहरि और माता लक्ष्मी का पूजन करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं। अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण कर दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्रद्धा से किया गया दान जीवन से सभी प्रकार की कमी को दूर करता है। आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी 2025 की तारीख, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का समय।

मोहिनी एकादशी 2025: तिथि, पारण समय और शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi 2025 Date and Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस वर्ष 7 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर 8 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई 2025, बुधवार को रखा जाएगा।

मोहिनी एकादशी व्रत पारण का समय (Mohini Ekadashi 2025 Paran Time)

धार्मिक परंपराओं के अनुसार, एकादशी का उपवास द्वादशी तिथि को संपन्न किया जाता है जिसे पारण कहा जाता है। मोहिनी एकादशी के व्रतधारी अगले दिन, यानी 9 मई 2025 को पारण करेंगे। इस दिन व्रत तोड़ने का शुभ समय सुबह 05:34 बजे से लेकर 08:16 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त के दौरान व्रत का पारण करना फलदायक माना जाता है।

मोहिनी एकादशी 2025: प्रमुख मुहूर्त और पूजा विधि

प्रमुख मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:10 से 04:53 तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:32 से 03:26 तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:59 से 07:21 तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 11:56 से 12:39 तक

मोहिनी एकादशी व्रत एवं पूजन विधि (Mohini Ekadashi 2025 Puja Vidhi)

  • दिन की शुरुआत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्मरण कर करें।
  • स्नान के पश्चात घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • पूजा स्थल पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु व लक्ष्मी माता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • देसी घी का दीपक जलाएं और श्रद्धा से आरती करें।
  • विष्णु चालीसा का पाठ करें और भगवान श्रीहरि के मंत्रों का जप करें।
  • पंचामृत, ताजे फल, मिठाई आदि से भगवान को भोग लगाएं।
  • पूजा के अंत में सभी भक्तों में प्रसाद का वितरण करें।

मोहिनी एकादशी का महत्व (Mohini Ekadashi 2025 Mahatva)

मोहिनी एकादशी के दिन उपवास रखकर भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करने से व्यक्ति को असीम पुण्य की प्राप्ति होती है। इस पावन व्रत के प्रभाव से साधक जीवन के सभी मोह-माया और पापों से मुक्त होकर अंततः भगवान विष्णु के परम धाम, वैकुण्ठ की प्राप्ति करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर समुद्र मंथन के समय जब अमृत निकला था, तब भगवान विष्णु ने असुरों से उसकी रक्षा करने हेतु मोहिनी रूप धारण किया था। इसीलिए इस दिन का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।

ALSO READ:-

Leave a Reply